नई दिल्ली: कांग्रेस ने किसान संगठनों की भूख हड़ताल की पृष्ठभूमि में सोमवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उसे अपने ‘चुनावी फाइनेंसरों’ से हाथ छुड़ाकर अन्नदाताओं के हाथ थामने चाहिए.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘73 सालों में ये भी पहली बार है कि देश का पेट भरने वाला किसान पूरे देश में अनशन पर है और कितने अच्छे दिन लाएंगे, मोदी जी!’’
उन्होंने कहा, ‘‘चुनावी फाइनेंसरों से हाथ छुड़ा, अन्नदाताओं का हाथ थामिए, उनके आंसू पोछिए और माफ़ी मांग तीनों काले क़ानून ख़त्म करें.’’
राहुल गांधी ने भी साधा सरकार पर निशाना
गौरतलब है कि दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर सोमवार को करीब 32 किसान संगठनों के नेता केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में एक दिन के लिए भूख हड़ताल पर बैठे और देश के अन्य हिस्सों में कई किसानों ने इन कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किए.इस बीच, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में से सिर्फ 10 फीसदी राशि जारी होने और फेसबुक की ओर से भारत में दक्षिणपंथी समूहों के खिलाफ कदम नहीं उठाए जाने का दावा करने वाली खबरों का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
राहुल गांधी का ट्वीट
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘चुनावी जुमला- 15 लाख अकाउंट में, कोरोना जुमला- 20 लाख करोड़ का पैकेज!’’
कांग्रेस नेता ने फेसबुक प्रकरण का हवाला देते हुए दावा किया, ‘‘फिर से पुष्टि हुई है कि भारत में फेसबुक पर आरएसएस-भाजपा का नियंत्रण है.’’
इससे पहले कांग्रेस ने दावा किया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पिछले कुछ दिनों में 11 किसानों की मौत हो गई और इसके बाद भी केंद्र सरकार का दिल नहीं पसीज रहा. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, "कृषि कानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी?"
किसान आंदोलन का 20वां दिन
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का 20वां दिन है. सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा तो किसानों का अगला कदम क्या हो. इसी बात को लेकर किसान संगठन आज बैठक करने वाले हैं और आगे क्या कदम उठाए जाएं उसपर फैसला लेंगे. एक तरफ किसान आगे की रणनीति बना रहे हैं तो वहीं सरकार में भी मंथन जारी है. सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने फिर एक बार गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक की है.
कानून वापस लेने पर अड़े किसान
केंद्र सरकार की ओर से साफ किया गया है कि किसानों से बातचीत का विकल्प अब भी खुला है. कृषि मंत्री ने कहा है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, किसान अगर कोई प्रस्ताव भेजते हैं तो हम तैयार हैं. वहीं दूसरी ओर किसान अड़े कि कानून वापस लेने ही होंगे.