कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने आज पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि कमज़ोर सरकार सेना के पराक्रम को कमज़ोर नहीं कर पायेगी. सुरजेवाला ने कहा कि देश की सुरक्षा को जरा भी प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. इस वजह से आज दो तरफा खतरा बढ़ गया है.


देश पर पाकिस्तान और चीन की तरफ से मंडरा रहा है खतरा


उन्होंने कहा कि देश पर पाकिस्तान और चीन की तरफ से खतरा मंडरा रहा है.. पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगाह बना हुआ है. वहीं चीन सीमा पर लगातर निर्माण कर रहा है. निर्माण के साथ ही अरुणाचल में नए गांव बसाए जाने की बात भी सामने आई है. ऐसे में चीन सीमा पर 24 घण्टे की निगरानी की ज़रूरत है. वहीं अब चीन की नौ सेना भी सक्रिय हो गयी है. जब ऐसे हालात हैं और बजट में काफी बढ़ोतरी की ज़रूरत थी और हमको सेना को सपोर्ट करने की ज़रूरत है लेकिन रक्षा बजट में पिछले साल की तुलना में 1.48% की बढ़ोतरी हुई. पिछले साल के रिवाइज्ड बजट में 4.71 लाख करोड़ था इस साल 4.78 लाख करोड़ हुआ.उन्होंने इसे देश के साथ धोखा बताया. सुरजेवाला ने कहा कि सेना की ज़रूरत को अनदेखा किया गया है जबकि  रक्षा बजट को बढाने की ज़रूरत है.


Disengagement एक तरह से सरेंडर है


  कुछ दिन पहले रक्षा मंत्री ने disengagement पर संसद में बयान दिया था लेकिन ये किस कीमत पर हुआ ये महत्वपूर्ण है. देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर ये मंज़ूर नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि गलवन घाटी हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है. लेकिन इस बार चीन भारत की सीमा में घुसा हमारे 20 जवान शहीद हुए.सबने सोंचा था कि सरकार सीमा की रक्षा करेगी. इधर चीन अपनी चौकी पर वापस गया जबकि भारत अपनी तत्कालीन स्थिति से पीछे हट गया.  ये disengagement एक तरह से सरेंडर है क्योंकि अब आप अपनी जगह पर ही पेट्रोलिंग नहीं कर सकते.  हमने रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण कैलाश रेंज पर जो बढ़त हासिल की थी वो भी इस disengagement में छोड़ दिया. चीन फिंगर 4 तक आता था और हम फिंगर 8 तक जाते थे. एलएसी  फिंगर 8 तक था. हम फिंगर 8 तक जाते थे अब फिंगर 3 पर आकर रुक गए हैं.  हमारी फिंगर 4 पर पोस्ट थी और 3 पर स्थायी चौकी थी. लेकिन अब आप 3 तक सीमित हो गए हैं.


कैलाश रेंज को छोड़ना बहुत बड़ी चूक


 रणदीप सुरजेवाला ने आगे कहा कि कैलाश रेंज को छोड़ना बहुत बड़ी चूक रही क्योंकि उससे चीन की गतिविधियों पर नज़र रखा जा सकता था. इसी वजह से ये disengagement एक तरह से सरेंडर है .सरकार कब स्टेटस को स्थापित करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार को देश को बताना चाहिए. पूरी चीन की सीमा को लेकर. मोदी सरकार ऐतिहासिक तथ्यों के पीछे छिप रही है. मोदी सरकार ध्यान नहीं भटकाए. चीन ने कब्ज़ा लिया है हम आज भी उसे अपना मानते हैं. हमारे समय और वाजपेयी जी के  समय में भी बात यथास्थिति की ही थी. हम अक्साई चीन पर अपना दावा नहीं छोड़ रहे लेकिन पैंगोंग में फिंगर 8 तक हमारा इलाका रहा है और गलवन में प्वाइंट 14 तक. लेकिन सवाल उठता है यथास्थिति का. हमारा LAC पैंगोंगत्सो में फिंगर 8 तक था. गल्वन में पेट्रोलिंग 14 प्वाइंट थी. सरकार ने गलवन सीमा के अंदर ही बफर जोन क्यों बनाया?


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