कर्ज में डूबी हिमाचल कांग्रेस ने उबरने के लिये निकाला ये अनोखा तरीका
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कांग्रेस का प्रदेश कार्यालय राजीव भवन निगम की ज़मीन पर बना है. चार साल से कार्यालय के ऊपर निगम का 20 लाख का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया था.
शिमला: हिमाचल प्रदेश में अगले महीने की 9 तारीख को विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे समय में राजनीतिक दलों को खर्चे कई गुना बढ़ जाते हैं. हिमाचल में कांग्रेस वित्तीय संकट से जूझ रही थी, लेकिन पार्टी ने कर्ज़ से उबरने का एक अनोखा तरीका खोज लिया.
निगम की ज़मीन पर बना है कांग्रेस का कार्यालय राजीव भवन
दरअसल प्रदेश की राजधानी शिमला में कांग्रेस का प्रदेश कार्यालय राजीव भवन निगम की ज़मीन पर बना है. चार साल से कार्यालय के ऊपर निगम का 20 लाख का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया था. हिमाचल कांग्रेस के महासचिव हरभजन सिंह 'भज्जी' ने बताया कि प्रॉपर्टी टैक्स के अलावा एक लाख रुपए सलाना के हिसाब दो लाख रुपये लीज़ के भी बकाया थे. इस तरह पार्टी कार्यालय पर 22 से 25 लाख रुपए कर्ज़ था.
टिकट के लिए आवेदन करने वालों से पार्टी ने लिया पैसा
पार्टी ने इस कर्ज़े से उबरने के लिए बहुत माकूल तरीका निकाला है. चुनाव का वक्त है और ऐसे माहौल में पार्टी से चुनावी टिकट की चाह रखने वाले बड़ी संख्या में होते हैं. इसलिए पार्टी ने तरीका खोजा है कि जो टिकट के लिए आवेदन करेगा, उससे शुल्क लिया जाएगा.
कांग्रेस ने राज्य में सभी 68 सीटों के लिए आवेदन मंगवाए हैं. पार्टी ने एससी और एसटी के लिए रिज़र्व सीटों पर आवेदन शुल्क 15 हज़ार रुपए और सामान्य सीटों के लिए 25 हज़ार रुपए रखा था.
कांग्रेस ने उतारा 22 लाख रुपए का कर्ज
आवेदन की आखिरी तारीख 10 अक्टूबर तक पार्टी के पास लगभग 400 आवेदन आए. इस तरह पार्टी ने एक दिन में 75 लाख रुपए का फंड इकट्ठा कर लिया. इस तरह कांग्रेस ने अपना 22 लाख रुपए का कर्ज़ भी उतार दिया और चुनावी माहौल में पैसा भी इकट्ठा कर लिया.
400 लोगों में से पार्टी को बांटने हैं 68 टिकट
राजीव भवन शिमला के लिफ्ट इलाके में हैं. यही से ही पार्टी की सारी गतिविधियां चल रही हैं. 400 लोगों में से पार्टी को सिर्फ 68 लोगों को ही टिकट बांटने है. राज्य में आचार संहिता लग चुकी है. 16 से 23 अक्टूबर तक उम्मीदवार नामांकन दाखिल करेंगे. देखना होगा कि इन 400 में से वो 68 खुशकिस्मत कौन होंगे, जिन्हें पार्टी अपना उम्मीदवार बनाएगी.