नई दिल्ली: कर्नाटक में सियासी समर अपने उफान पर है. कांग्रेस-जेडीएस और बीएस येदुरप्पा सदन में बहुमत परीक्षण की तैयारी कर रहे हैं. कर्नाटक की सियासी उठापटक के बीच महाकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' ने भी एंट्री ले ली है.


दरसअल कांग्रेस ने आज #SaveDemocracyDay के साथ रामधारी सिंह 'दिनकर' की बहुप्रचलित कविता (सिंहासन खाली करो कि जनता आती है) की पंक्तियां ट्वीट कीं. इस ट्वीट के साथ कांग्रेस ने एक लेख का लिंक भी दिया जिसमें आरोप लगाया गया कि बीजेपी-आरएसएस जनभावना को कुचलने का आरोप लगाया गया. कांग्रेस का यह वार कांग्रेस पर ही उल्टा पड़ता नजर आया.


दिग्गज कवि और राजनेता कुमार विश्वास ने ट्वीट करके बताया कि आज इतिहास 180 डिग्री घूम गया है. कुमार विश्वाल ने लिखा, ''कैसी विडंबना है, जैसे इतिहास 180 डिग्री घूम गया हो ! राष्ट्रकवि दिनकर की यही पंक्तियां आपातकाल के दौरान कांग्रेस के खिलाफ़, आज के सत्ताधीशों की ज़बान पर थीं ! सत्ता की इस इस पंच-वर्षीय आवक-जावक अहमंन्यता में, हम वोटर तब भी बेबस थे, अब भी बेबस हैं !''





वरिष्ठ पत्रकार यशवंत देशमुख ने याद दिलाया इतिहास
कुमार विश्वास के अलावा वरिष्ठ पत्रकार यशवंत देशमुख ने भी कांग्रेस के ट्वीट पर पुराने इतिहास की जानकारी दी और एक बेहद हैरान करने वाली जानकारी बताई. यशवंत देश मुख ने एक बाद एक तीन ट्वीट किए.


कांग्रेस के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, ''सनद रहे: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने ये पंक्तियां तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरोध में लिखी थीं. जय प्रकाश आंदोलन का ये जय घोष था.''





उन्होंने लिखा, ''इंदिरा जी का विरोध करते हुए 8 अप्रैल 1974 को जय पर्कशा नारायण के ऊपर लाठी चार्ज हुआ. पूरे 72 साल के थे; लगा कि नहीं बच पाएंगे. रामनाथ गोइनका और दिनकर जी 23 अप्रैल को तिरुपति दर्शन कर लौटे. दिनकर जी ने कहा कि मैंने प्रभु से मांगा है मेरी उम्र जयप्रकाश नारायम को दे दीजिए. उनका जीवन भारत के लिए अमूल्य है.''





यशवंत देशमुख ने आगे लिखा, ''उस दिन जयप्रकाश नारायण की स्तिथि क्रिटिकल थी. विडम्बना देखिए कि तिरुपति में अपनी उम्र जयप्रकाश नारायण को देने की भीख मांग कर आए दिनकर अगले ही दिन 24 अप्रैल को चल बसे. इधर जयप्रकाश चमत्कार की तरह मौत के मुंह से बाहर आ गए. इस घटना को आंदोलनकर्मी देवीय आदेश मान पूरी तरह जूझ गए और ये पंक्तियां अमर हो गयीं.''





एबीपी न्यूज़ के विशेष शो 'महाकवि' में राष्ट्रकवि दिनकर पर प्रसारित एपिसोड