नई दिल्ली: कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले गोवा के नेता विश्वजीत राणे का कहना है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गंभीर नेता नहीं हैं, साथ ही पहुंच से परे भी हैं. राणे का कहना है कि राहुल के नेतृत्व में देश की सबसे पुरानी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में 20 सीट पर सिमट कर रह जाएगी.
'कांग्रेस के पास एक नॉन सीरियस नेता है जिसका नाम है राहुल गांधी'
राणे ने कहा, "कांग्रेस के पास एक नॉन सीरियस नेता है जिसका नाम है राहुल गांधी. वह उस राज्य (गोवा) की जनता के प्रति गंभीर नहीं हैं जिसने उन्हें जनादेश दिया. उन तक पहुंचना भी मुश्किल है. किसी पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए नेता का गंभीर होना जरूरी है."
चार फरवरी को गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में विश्वजीत राणे ने वालपोई सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत पाई थी. कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने में नाकाम रहने से नाराज राणे ने पार्टी और विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया और कुछ दिन बाद बीजेपी की सदस्यता ले ली. पर्रिकर सरकार के विश्वास मत हासिल करने के दौरान राणे विधानसभा से गायब रहे थे. नतीजे में कांग्रेस के 17 विधायक घटकर 16 ही रह गए थे.
राणे ने कहा, "राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस दिशाहीन हो चुकी है. अगर वह ऐसे ही पार्टी को चलाना चाहते हैं तो फिर मुझे पूरा विश्वास है कि 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस की सीट मौजूदा 44 से घटकर 20 हो जाएगी."
पार्टी की जरूरत के इस समय में भी राहुल पहुंच से परे रहे: विश्वजीत राणे
यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस में 2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टक्कर का कोई नेता है, राणे ने कहा, "मैं कांग्रेस में ऐसा कोई नेता उभरता हुआ नहीं देख रहा हूं. अगले दस साल तक कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं देख रहा हूं." उन्होंने कहा कि गोवा में पार्टी के सामने गंभीर सवाल खड़े थे. पार्टी की जरूरत के इस समय में भी राहुल पहुंच से परे रहे. रही बात कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की, तो उनके व्यवहार से ऐसा लग रहा था कि वह किसी भी कीमत पर गोवा में कांग्रेस की सरकार नहीं बनने देना चाहते.
राणे ने कहा, "और, फिर उन्होंने (दिग्विजय सिंह ने) ताबूत में आखिरी कील तब ठोंकी जब उन्होंने बाबू कावलेकर को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना. बाबू ने बीते पांच साल में कांग्रेस विधायक दल की एक बैठक में भी शिरकत नहीं की है. यही गोवा में कांग्रेस का खात्मा साबित हुआ." लेकिन, राणे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, "सोनिया गांधी अलग हैं. वह मिलने के लिए तैयार रहती हैं और व्यावहारिक हैं."
राणे के पिता प्रताप सिंह राणे गोवा में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक माने जाते हैं. वह 11 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. विश्वजीत राणे ने इस संभावना से इनकार किया कि उनके पिता बीजेपी में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि उनके पिता की शुभकामनाएं उनके साथ हैं लेकिन पिता के राजनीतिक विचार उनसे बिलकुल अलग हैं.
कांग्रेस ने की पूर्व विधायक विश्वजीत राणे की पार्टी में दोबारा एंट्री पर ‘बैन’ की मांग
कांग्रेस नेता विश्वजीत राणे के बीजेपी में शामिल होने की टीस अभी भी कांग्रेस में है और पार्टी ने आज कहा कि उसका मानना है कि राणे को भविष्य में पार्टी में दोबारा शामिल नहीं करना चाहिए. उधर वालपोई सीट से पूर्व विधायक ने कांग्रेस में वापसी की संभावनाओं से इनकार किया है.
कांग्रेस सचिव गिरीष छोदनकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस को विश्वजीत राणे के पार्टी में दोबारा प्रवेश पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए जिन्होंने न केवल पार्टी को बल्कि वालपोई की जनता को भी धोखा दिया. पार्टी उनकी दोबारा वापसी पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में शीघ्र ही कोई निर्णय लेगी.’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए राणे ने बीजेपी नेता मनोहर पर्रिकर को सरकार बनाने में मदद करके पार्टी को धोखा दिया था.