नई दिल्ली: कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग की है. पिछले दिनों में राज्य में बड़ी संख्या में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती और उसके बाद अमरनाथ यात्रा रोके जाने को लेकर हैरानी जताते हुए कांग्रेस ने केंद्र सरकार से स्थिति साफ करने को कहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद के दोनों सदनों में इस पर वक्तव्य देना चाहिए.


केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में डर और नफरत फैला रही है
कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राज्य सभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने अमरनाथ यात्रा रोके जाने, पर्यटकों को राज्य छोड़ने की एडवाइजरी और बाहर के छात्रों को जम्मू-कश्मीर से निकाले जाने की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार डर और नफरत का माहौल बना रही है. आजाद ने कहा "10-15 दिन पहले 35 हजार अतिरिक्त पैरा मिलिट्री फोर्स कश्मीर भेजे गए हैं जबकि आतंकी घटनाओं के लिहाज से इस साल सबसे कम घटनाएं हुई हैं. इसके अलावा सबसे ज्यादा यात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की और राज्य में काफी पर्यटक भी आ रहे थे. इन सब के बावजूद अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजा जाना सबके लिए चिंता का विषय है." आजाद ने कहा कि इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि अमरनाथ यात्रा बीच में रोक दी गई हो.


सरकार की आलोचना करते हुए गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि इससे 1990 की यादें ताजा हो गई हैं जब वीपी सिंह की सरकार में बीजेपी ने जगमोहन को कश्मीर का राज्यपाल बनवाया था और फिर घाटी से कश्मीरी पंडितों को बसों में भर कर बाहर निकाला गया जो आज तक एक कलंक की तरह है.


अमरनाथ यात्रा रोके जाने से शिव भक्तों को धक्का लगा
कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सदरे रियासत कर्ण सिंह ने भी अमरनाथ यात्रा को बंद किए जाने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इससे शिवभक्तों को धक्का लगा होगा. उन्होंने कहा कि "70 साल में बहुत उतार चढ़ाव देखे लेकिन इन दिनों जो हालात हैं वैसा कभी नहीं देखा. कश्मीर घाटी में डर और आशंका का माहौल है कि क्या होने वाला है? इतनी दहशत क्यों फैलाई जा रही है?"


आर्टिकल 35A और 370 का बचाव
आर्टिकल 35 A और 370 पर पूछे गए सवाल पर गुलाम नबी आजाद ने इन प्रावधानों का बचाव करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के अलावा उत्तराखंड, हिमाचल और उत्तर पूर्व के आठ राज्य में भी राज्य के बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते...इनमें से कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है लेकिन वहां कानून बदलने की बात नहीं हो रही. केवल 35A हटाने की बात की जा रही है क्योंकि इससे बीजेपी को वोट मिलते हैं. आर्टिकल 370 को जरूरी बताते हुए आजाद ने कहा कि 370 वो पुल है जिससे जम्मू-कश्मीर भारत से जुड़ा है. अगर इसी को खत्म किया जाता है तो कई और विवाद शुरू हो जाएंगे.


मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कश्मीर को लेकर बैठक
इससे पहले एक दिन पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस की कश्मीर पर गठित समूह ने बैठक की जिसमें हालिया घटनाओं पर चिंता जाहिर की गई और सरकार से कहा गया कि जम्मू-कश्मीर को प्राप्त संवैधानिक गारन्टी को बरकरार रखा जाए.


जम्मू-कश्मीर: सुरक्षाबलों के साथ दो अलग-अलग मुठभेड़ में जैश के तीन आतंकी ढेर


यह भी देखें