नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर मुम्बई में कांग्रेस-एनसीपी का प्रदेश नेतृत्व कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा कर रहा है. वहीं न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर बात बनने के बाद आने वाले 2-3 दिनों में एनसीपी और कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व (सोनिया और पवार) दिल्ली में मिलेंगे.
इस बीच कांग्रेस के उच्च सूत्रों के मुताबिक विचारधारा के मुद्दे पर शिवसेना के रुख पर कांग्रेस-एनसीपी की नजर है. कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर शिवसेना से प्रतिबद्धता और स्पष्टता चाहती है. सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम बनाने के लिए शिवसेना के घोषणापत्र की जांच भी की जा रही है. ऐसे में सवाल है कि क्या कांग्रेस को सेक्युलर शिवसेना चाहिए?
नव निर्वाचित विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस अपनी विचारधारा पर कायम रहेगी जबकि शिवसेना अपनी. इसी वजह से न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया जा रहा है.
कांग्रेस के एक बड़े नेता के मुताबिक पार्टी का ये आकलन भी है कि बीजेपी हटाने के नाम पर अल्पसंख्यकों की बड़ी आबादी भी चाहती है कि कांग्रेस, एनसीपी शिव सेना के साथ आएं. उन्होंने ये दावा भी किया महाराष्ट्र में सीपीएम भी शिवसेना से हाथ मिलाने के पक्ष में है.
हालांकि नए सहयोगी के साथ गठबंधन की पटकथा लिखने की तैयारी कर रही कांग्रेस और एनसीपी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है. कांग्रेस एनसीपी के साथ सरकार गठन के लिए चर्चा को आगे बढ़ा रही है लेकिन सूत्रों के मुताबिक उसे इस बात की हैरानी भी है कि शाम तक समय मिलने के बावजूद एनसीपी ने क्यों दोपहर में राज्यपाल को चिट्ठी भेज दी?