जयपुर: कांग्रेस में फरवरी से ही कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष बदलने पर विचार विमर्श चल रहा था, लेकिन मार्च में जैसे ही कोरोना ने दस्तक दी सभी गतिविधियों पर रोक लग गई. अब एक बार फिर कांग्रेस मे संगठन के स्तर पर बदलाव की बात हो रही है. वैसे तो अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भी बदलाव होने हैं लेकिन अभी बात सिर्फ तीन राज्यों में बदलाव की हो रही है.


कांग्रेस आलाकमान राजस्थान, बिहार और असम के प्रदेश अध्यक्षों को बदलना चाहता है. इन तीन राज्यों में से बिहार में इसी साल और असम में 2021 अप्रैल के करीब विधानसभा चुनाव होने हैं.


राजस्थान में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के दोनों पद सचिन पायलट के पास है. सचिन पायलट को 2014 में राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. उस वक्त युवा चेहरों को कई राज्यों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी. 2018 में विधानसभा चुनाव हुए और कांग्रेस की सरकार बनी तो सचिन पायलट भी मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार थे लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी के पुराने नेता अशोक गहलोत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया.


हालांकि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के संबंध किसी से छुपे नहीं हैं लेकिन अब 6 साल से ज्यादा तक पायलट के अध्यक्ष रहने के बाद पार्टी राजस्थान में नया अध्यक्ष बनाने जा रही है.


इन सबके बीच में सवाल सिर्फ इतना ही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने आदमी को राजस्थान का अध्यक्ष बना पाएंगे या फिर सचिन पायलट अपने किसी नज़दीकी को यह पद दिवालने में कामयाब रहेंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ज़रूर चाहेंगे कि सरकार के साथ-साथ संगठन पर भी उन्हीं का नियंत्रण हो.


दूसरा राज्य है बिहार,  जहां इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है. कांग्रेस के लिए बिहार ऐसा राज्य है जहां पार्टी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है. 2018 में मदन मोहन झा को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था लेकिन अब विधानसभा चुनाव ठीक पहले एक बार फिर राज्य में बदलाव की बात शुरू हुई है. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष के लिए चार नामों पर चर्चा हो रही है- तारीक अनवर , प्रेमचंद मिश्रा, अखिलेश सिंह अनिल शर्मा.


तारीक अनवर की लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस मे घर वापसी हुई है तो वहीं प्रेमचंद मिश्रा संगठन के आदमी हैं और फ़िलहाल बिहार में एमएलसी भी हैं. अखिलेश सिंह राज्यसभा सांसद है और बहुत लंबे अरसे से बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनना चाहते हैं. वहीं अनिल शर्मा इससे पहले भी बिहार के अध्यक्ष रह चुके है.


वहीं असम में राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा फ़िलहाल असम कांग्रेस के अध्यक्ष हैं जिनके नेतृत्व में पार्टी विधानसभा चुनाव में नहीं जाना चाहती. असम कांग्रेस की कमान देने के लिए तीन नामों पर चर्चा हो रही है.


असम से लोकसभा सांसद प्रद्युत बोरदोलोई , राष्ट्रीय कांग्रेस के सचिव भूपेन बोरा और असम कांग्रेस के सीएलपी नेता देबब्रत सैकिया के नामों पर विचार हो रहा है.


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