निजता का अधिकार: कांग्रेस ने SC के फैसले का स्वागत किया, बीजेपी के लिए बताया झटका
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को देश के हर नागरिक को प्रभावित करने वाले अपने ऐतिहासिक फैसले में निजता के अधिकार को संविधान के तहत मौलिक अधिकार घोषित किया.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को प्रत्येक भारतीय की जीत बताया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से फासीवादी ताकतों पर करारा प्रहार हुआ है. निगरानी के जरिए दबाने की बीजेपी की विचारधारा को मजबूती से नकारा गया है.’’ उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं जिसमें निजता के अधिकार को व्यक्ति की स्वतंत्रता और गरिमा का मूलभूत अंग बताया गया है.’’
Welcome the SC verdict upholding #RightToPrivacy as an intrinsic part of individual's liberty, freedom & dignity. A victory for every Indian
— Office of RG (@OfficeOfRG) August 24, 2017
SC decision marks a major blow to fascist forces.A sound rejection of the BJP's ideology of suppression through surveillance#RightToPrivacy
— Office of RG (@OfficeOfRG) August 24, 2017
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आम आदमी के जीवन में सरकार और उसकी एजेंसियों की तरफ से निरंकुश हस्तक्षेप और निगरानी पर प्रहार है.
इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि यह फैसला केन्द्र के लिए झटके के समान है. उन्होंने कहा, ‘‘आज दिया गया निर्णय एक ऐतिहासिक फैसला है और भारत के संविधान के अस्तित्व में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल किया जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण अनुच्छेद 21 को एक नई भव्यता मिली है.’’ पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि निजता वैयक्तिक स्वतंत्रता के मूल में है और यह स्वयं जीवन का अविभाज्य अंग है.
चिदंबरम ने जीवन और वैयक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा को लेकर अनुच्छेद 21 के तहत आधार की व्याख्या के सरकार के रुख की आलोचना की और आरोप लगाया कि उसके रुख में अस्थिरता है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा था कि निजता का कोई मूलभूत अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से सरकार को झटका लगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को देश के हर नागरिक को प्रभावित करने वाले अपने ऐतिहासिक फैसले में निजता के अधिकार को संविधान के तहत मौलिक अधिकार घोषित किया. चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसले में कहा कि ‘‘निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पूरे भाग तीन का स्वाभाविक अंग है.’’ पीठ के सभी नौ सदस्यों ने एक स्वर में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया.