आंध्र प्रदेश की लड़ाई: कांग्रेस ने कहा किसी पार्टी से नहीं, जनता के साथ होगा गठबंधन
आंध्र प्रदेश में कांग्रेस किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. पार्टी संगठन मजबूत बनाने के लिए कमर कसेगी और आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा जोर शोर से उठाएगी.
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हैदराबाद: आंध्र प्रदेश में कांग्रेस किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. पार्टी संगठन मजबूत बनाने के लिए कमर कसेगी और आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा जोर शोर से उठाएगी. बुधवार को दिल्ली में अध्यक्ष राहुल गांधी ने आंध्र प्रदेश के नेताओं से मुलाकात की जिसके बाद पार्टी के नवनियुक्त राज्य प्रभारी ओमान चांडी ने इसका ऐलान किया. हालांकि राजनीतिक हालात को देखें तो राज्य में कांग्रेस को दोबारा खड़ा होने के लिए गठबंधन की सख्त जरूरत है.
ओमान चांडी ने कहा कि राज्य में किसी भी पार्टी से गठबंधन का कोई इरादा नहीं है. हमारा गठबंधन जनता के साथ होगा. हमारे लिए तेलगु देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस एक जैसे हैं. बीजेपी और तेलगु देशम ने लोगों को ठगा है. चांडी ने कहा कि राज्य में संगठन को मजबूत बनाने के लिए हमने चार महीने का एक्शन-प्लान बनाया है. ऊपर से बूथ स्तर तक संगठन मजबूती के लिए काम करेंगे. फिलहाल किसी भी पार्टी से गठबंधन का कोई प्रस्ताव नहीं है. पहले हमें ऊपर से नीचे तक संगठन को मजबूत बनाना है. हमारा गठबंधन जनता के साथ है.
चांडी ने एबीपी न्यूज को बताया कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा पार्टी का मुख्य मुद्दा होगा. उन्होंने कहा कि इसका वादा मनमोहन सरकर ने सदन में किया था. तब बीजेपी ने ज्यादा सालों की मांग की थी. लेकिन सत्ता में आ कर बीजेपी अपने वादे को भूल गई. टीडीपी साढ़े तीन सालों तक सत्ता में रही और इसके बाद बाहर हो गई. बीजेपी और टीडीपी दोनों ने लोगों को घोखा दिया. चांडी ने कहा कि अगर यूपीए सत्ता में आई, तो हम पहले दिन आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाएंगे.
आंध्र प्रदेश में लोकसभा के साथ ही विधानसभा के चुनाव भी होते हैं. 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में आंध्रप्रदेश में कांग्रेस का खाता नहीं खुला था. यहां लोकसभा की 25 सीटें हैं. चन्द्रबाबू नायडू की टीडीपी को 15 सीटें मिली जबकि बीजेपी को दो और वाईएसआर कांग्रेस को आठ सीटें मिली थीं. विधानसभा में चन्द्रबाबू नायडू की सरकार बनी. तब टीडीपी और बीजेपी गठबंधन में थे. विशेष राज्य के मुद्दे पर टीडीपी एनडीए से अलग हो चुकी है.
राज्य में कांग्रेस चौथे नम्बर की पार्टी है. पार्टी के नेता भले ही गठबंधन से इनकार कर रहे हों लेकिन बिना गठबंधन उनकी नैया पार नहीं लगेगी. इसलिए कांग्रेस पहले संगठन पर जोर दे रही है ताकि बाद में गठबंधन में वो ज्यादा सेटों पर दावा कर सके. ओमान चांडी ने पुराने नेताओं की वापसी के सवाल पर कहा कि जिन्होंने कांग्रेस छोड़ी अगर वो वापस आना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे.
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