National Conference-Congress Alliance: जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इस बीच कांग्रेस ने साफ किया कि पार्टी जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस से समर्थन लेने पर कोई विचार नहीं कर रही है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस कुछ मुद्दों पर वहां की सरकार से खफा है, लेकिन उस पर बात कर उसे सुलझाया जा सकता है.
'इंडिया गठबंधन का मकसद बहुत बड़ा'
पिछले कुछ समय से इंडिया गठबंधन के अस्तित्व को लेकर सवाल उठने लगे हैं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया तो इंडिया गठबंधन के अधिकतर नेता केजरीवाल के सपोर्ट में उतर गए. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इंडिया गठबंधन का मकसद बहुत बड़ा है. उन्होंने कहा कि यह गठबंधन देश और उसके संविधान की रक्षा के लिए था.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव तक सीमित नहीं था. यह आगे भी जारी रहेगा." महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भी फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि हिंदुओं के मन से डर को खत्म करने में कांग्रेस ने कोई भूमिका नहीं निभाई. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ऐसा कर पाती तो हम जम्मु क्षेत्र में और भी सीटें जीतते.
केंद्र सरकार को लेकर दिखाई नरमी
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को लेकर नरमी दिखाई थी. उन्होंने कहा था, "हम केंद्र के साथ टकराव नहीं चाहते हैं. लड़ाई से हम लोगों के मुद्दों को कैसे हल कर सकते हैं. हम बीजेपी के साथ खिलाफ हैं, लेकिन जम्मू कश्मीर के विकास के लिए केंद्र सरकार का सहयोग जरूरी है."
नये साल के पहले हफ्ते में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को इंडिया अलायंस खत्म करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था, "लोकसभा चुनाव के बाद से इंडिया गठबंधन की कोई मीटिंग नहीं हुई है. इसके पास न कोई एजेंडा है और न ही कोई लीडरशिप, इसलिए इसे खत्म कर देना चाहिए."
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