Congress President Election: पिछले कई दिनों से कांग्रेस (Congress) पार्टी में अध्यक्ष पद के चुनाव (Election) को लेकर हलचल मची हुई है. आये दिन नेताओं की बैठक लग रही है. इस बात को मद्देनजर रखते हुए वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता वाले केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की ओर से कल यानी गुरुवार को अधिसूचना जारी करने की घोषणा हुई. इसके साथ ही औपचारिक रूप से चुनावी प्रक्रिया  भी शुरू हो जायेगी.


क्या है कांग्रेस का चुनावी कार्यक्रम?


कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसारअधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे. गौरतलब है कि, जब से राहुल गांधी ने पार्टी की कमान ना संभालने के संकेत दिये थे. उसके बाद  कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनावी मुकाबला होने के आसार भी बढ़ भी गए थे.


कौन से नेताओं ने दिया चुनाव लड़ने के संकेत?


पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पहले ही चुनाव लड़ने का संकेत दे दिया है तो दूसरी तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी चुनाव लड़ने की संभावना है. वहीं गहलोत ने मंगलवार को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कहा था कि यदि वह पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए नामांकन भरेंगे तो विधायकों को दिल्ली पहुंचने का संदेश मिलेगा.


विधायक दल की बैठक के बाद राजस्थान के एक कैबिनेट मंत्री ने इस बात की जानकारी दी. प्रदेश के खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास बताया था कि मुख्यमंत्री गहलोत कोच्चि जायेंगे और राहुल गांधी से पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का आग्रह करेंगे. कई प्रदेश कांग्रेस कमेटियों ने भी प्रस्ताव पारित कर कहा है कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए. अशोक गहलोत इस बीच बुधवार को दिल्ली भी पहुंचने वाले हैं, जहां उनकी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात होने की संभावना है.


कांग्रेस महासचिव ने क्या बात कही?


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि विभिन्न पीसीसी की ओर से पारित किए गए प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं हैं. उनका यह भी कहना है कि किसी से प्रस्ताव पारित करने के लिए नहीं कहा गया है. कांग्रेस की इन इकाइयों ने ये प्रस्ताव उस वक्त पारित किए हैंजब नौ सितंबर को कन्याकुमारी में राहुल गांधी ने यह संकेत दिया था कि वह पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनने के अपने पुराने फैसले पर कायम हैं. राहुल गांधी के अपने रुख पर कायम रहने के कारण अब चुनावी मुकाबले के प्रबल आसार बन चुके है.


इससे पहले कब हुआ था कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव?


22 साल पहले यानी सन् 2000 को सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था, जिसमें प्रसाद को करारी शिकस्त मिली थी. इससे पहले 1997 में सीताराम केसरीशरद पवार और राजेश पायलट के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला हुआ था, जिसमें केसरी जीते थे.


राहुल गांधी के नामांकन को लेकर क्या है चर्चा?


राहुल गांधी के नामांकन पत्र दाखिल करने के बारे में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को कहा था, 'यह फैसला राहुल गांधी को करना है और उन्होंने हमें इस बारे में कुछ नहीं बताया है'. पार्टी प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के लिए राहुल से की गयी अपील के बावजूदकांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि उन्होंने फैसला कर लिया हैलेकिन अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा नहीं करेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि यदि पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए वह आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे तो वह इसके कारण बता देंगे. राहुल की टिप्पणी को पार्टी में इस बात के संकेत के तौर पर देखा गया है कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है.


 ये भी पढ़ें:Raju Srivastav Death: 10 साल में तीन एंजियोप्लास्टी और डेड ब्रेन सेल्स बने राजू श्रीवास्तव की मौत का कारण


Russia: पुतिन की अमेरिका को धमकी, एटमी हमले के साथ 3 लाख सैनिकों को जंग के लिए तैयार होने का आदेश