रॉबर्ट वाड्रा के दफ्तरों पर छापेमारी से भड़की कांग्रेस, बोली- यह हिटलरशाही है, अधिकारी समझें मौसम बदलेगा
रक्षा सौदा मामले में यह दावा किया जा रहा है कि वाड्रा के संबंध हथियार कारोबारी संजय भंडारी से है. ईडी ने कहा है कि उसे पुख्ता जानकारी मिली है कि डिफेंस डील में मिलने वाली रिश्वत से विदेशों में प्रापर्टी खरीदी गयी थी.
नई दिल्ली: राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के दफ्तरों और उनके करीबियों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद कांग्रेस भड़क उठी है. पार्टी ने आज कहा कि मोदी सरकार हिटलरशाही पर उतर आई है. अधिकारियों को समझना चाहिए कि समय बदलता है. 11 को मौसम बदलने वाला है और फिर अगले साल बदलेगा. कांग्रेस का इशारा विधानसभा और लोकसभा चुनाव पर है.
ध्यान रहे कि ईडी ने दिल्ली के सुखदेव विहार स्थित कार्यालय में छापेमारी की है. एजेंसी करीब 15 घंटे तक दफ्तर में रुकी. ये छापे रक्षा सौदे में कुछ लोगों द्वारा कथित रिश्वत लेने के संबंध में मारे गए हैं. उसके बाद उनके करीबी कांग्रेस नेता जगदीश शर्मा को पूछताछ के लिए ईडी ने हिरासत में ले लिया. वाड्रा ने दावा किया है कि उन्हें राजनीतिक साजिश और चुनाव में फायदे के लिए फंसाया जा रहा है. इससे पहले ईडी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में वोटिंग से ठीक पहले बीकानेर जमीन सौदा मामले में रॉबर्ट वाड्रा को पूछताछ के लिए समन जारी किया था.
वाड्रा पर क्या हैं आरोप? रक्षा सौदा मामले में यह दावा किया जा रहा है कि वाड्रा के संबंध हथियार कारोबारी संजय भंडारी से है. ईडी ने कहा है कि उसे पुख्ता जानकारी मिली है कि डिफेंस डील में मिलने वाली रिश्वत से विदेशों में प्रापर्टी खरीदी गयी थी. ईडी ने अधिकारिक तौर पर कहा कि इसी सिलसिले में रॉबर्ट वाड्रा के सहयोगियों के यहां छापेमारी की गई औऱ बड़े पैमाने पर दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए. यही नहीं ईडी ने रॉबर्ट के करीबी माने जाने वाले जगदीश शर्मा और मनोज को भी पूछताछ के लिए बुलाया.
ईडी सूत्रों के मुताबिक, इस छापेमारी में संजय भंडारी के रिश्तेदार सुमित चड्डा और रॉबर्ट वाड्रा के बीच हुए ईमेल भी अहम कड़ी रहे क्योंकि इनमें से एक ईमेल में पैसों के लिए हुए लेनदेन के जिक्र में खुद रॉबर्ट वाड्रा ने अपने सहयोगी मनोज का नाम भी लिया है.
कांग्रेस भड़की कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 5 राज्यों में अपनी निश्चित हार से घबराई बीजेपी अब प्रतिशोध की राजनीति पर उतर आई है. नियम कानून और संविधान को ताक पर रखकर मोदी सरकार अपनी हिटलरशाही पर उतारु है. ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी संस्थाओं का इस प्रकार का राजनीतिक दुरुपयोग भारत के इतिहास में इससे पहले कभी नहीं देखा गया.
रॉबर्ट वाड्रा के दफ्तर में करीब 15 घंटों तक चली छापेमारी, किचन और वॉशरूम की दीवार तक को नहीं छोड़ा
उन्होंने कहा कि कल सुबह से आज सुबह तक 24 घंन्टे में रॉबर्ट वाड्रा के ऑफिस, मनोज अरोड़ा, उनकी बहन और उनके संबंधी के घर पर छापा मारा गया. लोगों को हिरासत में रखा गया है.
सिंघवी ने कहा कि 56 इंच, अपना नाम, फ़ोटो, वाहवाही के चक्कर में पड़े शहंशाह को अब आईना दिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा, ''ये सरकार जानती है कि उनका भ्रष्टाचार विरोधी मुखौटा पूरी तरह भंग हो चुका है, इसी का नतीजा है कि हर दिन नया कीचड़ उछाला जा रहा है. ईडी के मामले में राबर्ट वाड्रा को आज तक कोई ईसीआर नहीं मिली है.'' वहीं प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ''देश संविधान और कानून से चलता है किसी के हांकने से नहीं चलता इस बात को सभी अफसरों को समझ लेना चाहिए.''
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों से जुड़े लोगों के ठिकानों पर ED का छापा, वकील ने कहा-बदले की राजनीति