नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मज़दूरों की समस्या को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. स्पीकअप इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सोनिया ने कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार ऐसा दर्द का मंजर दिखा. मजदूर नंगे पांव सैकड़ों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर जाने को मजबूर हुए. मजदूरों की सिसकियां सबने सुनी लेकिन सरकार ने नहीं. केंद्र सरकार से अनुरोध है कि खजाने का ताला खोलिए, जरूरतमंदों को राहत दीजिए. हर गरीब परिवार को 7500 रुपये प्रति महीने दीजिए और उनमें से 10000 फौरन मिले. साथ ही प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचाइए.


सोनिया गांधी ने कहा कि ''मनरेगा में 200 दिन का काम सुनिश्चित करें ताकि गांव में ही रोजगार मिल सके. लोन देने की बजाय आर्थिक मदद दें ताकि नौकरियां बचें.''


बता दें कि कोरोना लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों से लेकर बेरोजगारी तक के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. 30 मई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने वाला है और उससे पहले कांग्रेस ने देशभर में स्पीक अप इंडिया अभियान शुरू किया है.


कांग्रेस पार्टी ने फेसबुक, ट्विटर, यू ट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे प्रचलित सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एकसाथ 50 लाख कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन जुटाने का लक्ष्य रखा है. ऑनलाइन अभियान के जरिए कांग्रेस किसानों, मजदूरों, छोटे व्यापारियों, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के मुद्दे को उठाकर उन्हें साधने की कवायद में है.


कांग्रेस ने लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल किया


ऑनलाइन आंदोलन कर रही कांग्रेस ने लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल किया है. दो बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी और एक बार विपक्षी दलों की बैठक ऑनलाइन हो चुकी है. राहुल गांधी द्वारा विशेषज्ञों से लेकर मजदूरों तक से की गई बातचीत को सोशल मीडिया पर साझा किया गया. राहुल गांधी अब तक चार बार ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं. यूपी के लिए बने ऐसे ही एक वॉट्सऐप ग्रुप की निगरानी प्रियंका गांधी खुद करती हैं. बस के मुद्दे पर पिछले दिनों योगी सरकार के खिलाफ यूपी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ऑनलाइन प्रोटेस्ट किया था.