नई दिल्ली: कैलाश मानसरोवर की यात्रा से लौट कर राज्यों के चुनाव प्रचार में लगे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभाओं में कुछ खास नारे गूंज रहे हैं. ये नारे हैं 'बोल बम..बम-बम' और 'हर-हर महादेव'. दरअसल, नरम हिंदुत्व की राह पर चल रही कांग्रेस अपने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यक्रमों के इर्द गिर्द खास रणनीति पर काम कर रही है. सूत्रों के मुताबिक 'बोल बम' के नारे भी उसी रणनीति का हिस्सा हैं.
चुनावी दौरे के लिए लगने वाले राहुल गांधी के पोस्टरों में उनकी 'शिवभक्ति' को भी उभारा जा रहा है. जब राहुल सभाओं में पहुंच रहे हैं कार्यकर्ता 'बोल बम' के नारे लगा रहे हैं. ये सब नई बातें हैं. इनके अलावा राहुल चुनावी राज्यों में प्रचार के साथ-साथ मंदिरों और मठों में पहले ही जाना शुरू कर चुके हैं. राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के प्रचार में भी राहुल की 'मंदिर यात्रा' जारी रहेगी.
कहीं न कहीं ये सब कुछ कांग्रेस की 'हिन्दू विरोधी' छवि को तोड़ने के लिए किया जा रहा है. 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की समीक्षा के लिए बनी एंटनी कमिटी ने पार्टी की 'प्रो-मुस्लिम' या 'हिन्दू विरोधी' छवि को हार की बड़ी वजह बताया था. इसी धारणा की बदलने के लिए राहुल ने मंदिरों के दर्शन करना शुरू किया.
इस साल की शुरुआत में कर्नाटक चुनाव के दौरान प्रचार करने के लिए जाते वक्त हवा में राहुल गांधी का विमान दुर्घटनाग्रस्त होते होते बचा था. इसके बाद राहुल गांधी ने कैलाश मानसरोवर जाने का प्रण किया. हाल ही में वो कैलाश मानसरोवर की यात्रा से लौटे हैं. राहुल पहले भी बता चुके हैं कि वो शिवभक्त हैं. कैलाश मानसरोवर यात्रा ने उनकी शिवभक्त इमेज को और मजबूत किया है. अब सभाओं में 'बोल बम' के नारे से राहुल की शिवभक्त छवि आम लोगों तक पहुंचाने की कवायद शुरू की गई है.
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कांग्रेस के एक नेता के मुताबिक सभाओं में राहुल के पहुंचने और उनके भाषण के दौरान कार्यकर्ता बोल बम, हर-हर महादेव जैसे धार्मिक नारों से लेकर राहुल....राहुल के नारे लगाएंगे. आपको याद होगा कि 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की सभाओं में 'हर हर मोदी' के नारे लगते थे. बीजेपी की सभाओं में 'जय श्री राम' के नारे भी खूब लगते हैं. अब 2019 लोकसभा चुनाव और उससे पहले राहुल गांधी की सभाओं में 'बोल बम' के नारे सुनाई देंगे.
कुल मिला कर सारी कवायद हिन्दू वोट बैंक को अपने पाले में करने की है. वैसे राहुल के सॉफ्ट हिंदुत्व की नीति से कांग्रेस को अब तक कोई बड़ा लाभ तो नहीं मिला है. लेकिन पार्टी को लगता है कि बदले हुए माहौल में भक्ति मार्ग से ही शक्ति का मार्ग खुलेगा.