शिलांग: एनपीपी के कॉनराड संगमा ने मेघालय के सीएम पद की शपथ ग्रहण कर ली. इसी के साथ कांग्रेस के 10 सालों के राज को समाप्त करते हुए राज्य में पहली बार एनडीए का शासन स्थापित हो गया. शपथ ग्रहण के कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और मणिपुर के डिप्टी सीएम शामिल थे. इस सरकार में यूनाईटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) अध्यक्ष डोनकूपर रॉय विधानसभा अध्यक्ष होंगे.
2 सीटों के साथ बीजेपी बना रही है गठबंधन की सरकार
संगमा ने रविवार शाम राज्यपाल से मुलाकात की और 60 सदस्यीय विधानसभा में 34 विधायकों के समर्थन के साथ राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया. 34 विधायकों में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के 19, यूडीपी के छह, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) के चार, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) और बीजेपी के दो-दो और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं.
कौन है कोनराड संगमा
कॉनराड संगमा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा के पुत्र हैं. पश्चिम गारो हिल्स जिले के सेलसेल्ला विधानसभा सीट से 2008 में एनसीपी (NCP) के टिकट पर विधायक बनें थें. 2008 में मेघालय राज्य के वित्त मंत्री बने थें. 2009 से 2013 तक संगमा मेघालय विधानसभा में नेता विपक्ष थे. 6 जनवरी 2013 को एनसीपी (NCP) से अलग होकर पीए संगमा ने एनपीपी (NPP) पार्टी बनाई थी.
2013 के विधानसभा चुनाव में संगमा एनपीपी से सेलसेल्ला विधानसभा सीट से चुनाव हार गए. 2016 के लोकसभा के उप-चुनाव में संगमा तुरा लोक सभा सीट से एनपीपी के सांसद चुने गए. लंदन से एमबीए की पढ़ाई की है, 40 साल के हैं. इनके भाई जेम्स संगमा Dadenggre सीट से विधायक है. इनकी बहन और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अगाथा संगमा दक्षिण तुरा से विधायक हैं
कुछ ऐसा होगा बाकी का मंत्रिमंडल
दोनकुपर रॉय- यूडीपी (संभावित विधानसभा अध्यक्ष): दोनकुपर रॉय शेल्ला विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. दोनकुपर रॉय 2018 में लगातार 7वीं बार जीत दर्ज की है. रॉय यूडीपी के टिकट पर पांच बार और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दो बार जीत दर्ज की है. रॉय 2008 से 2009 तक मेघालय के मुख्यमंत्री भी रहे हैं.
ए.एल. हेक- बीजेपी: ए एल हेक मेघालय बीजेपी के विधायक दल के नेता हैं. पैंथरमुखराह विधानसभा सीट से लगातार 5वीं बार जीत दर्ज की है. ए एल हेक लगातार 1998 से चुनाव जीतते आ रहे हैं. पहले बीजेपी में रहे हेक 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले फिर से कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थें.
जेम्स संगमा- एनपीपी: जेम्स संगमा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा के पुत्र और कॉनराड संगमा के भाई हैं. जेम्स संगमा Dadenggre (दादेंग्ग्रे) विधानसभा सीट से विधायक है. जेम्स 2008 से लगातार तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं. 2008 में जेम्स एनसीपी, 2013 और 2018 में एनपीपी से विधायक बनें.
स्नावभलांग धर- एनपीपी: स्नावभलांग धर एनपीपी के टिकट पर नारतियांग सीट से विधायक बनें. स्नावभलांग धर 2013 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनें थे. धर मुकुल संगमा सरकार में मंत्री रह चुके हैं, इनके भतीजे भी विधायक हैं. धर ने चुनाव से पहले एनपीपी में शामिल हो गए थें.
प्रेस्टोन टिनसोंग- NPP: प्रेस्टोन टिनसोंग 2018 में एनपीपी के टिकट पर Pynursla सीट से विधायक बनें. 2013 में प्रेस्टोन टिनसोंग कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनें. 2018 के चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर एनपीपी में शामिल हो गए थें. प्रेस्टोन टिनसोंग मेघालय सरकार में पहले मंत्री रह चुके हैं.
मेतबाह लिंगदोह- यूडीपी: मेहताब लिंगदोह मैरंग विधानसभा सीट से यूडीपी के विधायक हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में 3 हजार से ज्यादा वोटों से जीते. 2008 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. 2008, 2013 और 2018 में लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए.
लैखमेन रिम्बुई, यूडीपी: लैखमेन रिम्बुई अमलारेम विधानसभा सीट से यूडीपी के विधायक हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में 2 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते. 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से चुनाव हार गए थें. 2018 के विधानसभा चुनाव में पहले कांग्रेस से यूडीपी में चले गए थे
ये भी पढ़ें
बीजेपी सांसदों ने संसद में किया मोदी और शाह का जोरदार स्वागत, अब हो रहीं ये चर्चाएं
उत्तर से दक्षिण तक मोदी को घेरने में जुटा विपक्ष, चंद्रशेखर राव ने की तीसरे मोर्चे की पहल
जीतनराम मांझी की गैरमौजूदगी महसूस होगी, NDA नहीं छोड़ेगी RLSP: उपेंद्र कुशवाहा