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अपना 60 साल का इतिहास समेटे आखिरी बार समुद्र के सफर पर निकला "विराट"
एयरक्राफ्ट कैरियर INS विराट 6 मार्च 2017 को सेवानिवृत्त हुआ था. आज विराट समुद्र में अपने आखिरी सफर पर है. विराट को मुम्बई हार्बर से गुजरात के अलंग शिपब्रेकर यार्ड ले जाया जा रहा है.
मुंबईः 30 साल तक भारत का गौरव बनकर रक्षा करने वाला एयरक्राफ्ट कैरियर INS विराट 6 मार्च 2017 को सेवानिवृत्त हुआ था. आज विराट समुद्र में अपने आखिरी सफर पर है. विराट को मुम्बई हार्बर से गुजरात के अलंग शिपब्रेकर यार्ड ले जाया जा रहा है. इसे श्रीराम नामक कंपनी ने 38 करोड़ 54 लाख में खरीदा है.
इस युद्धपोत के सेवानिवृत्त होने के बाद महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश जैसे राज्य म्यूजियम में बदलने के लिए खरीदना चाहते थे पर बात नही बनी.
विराट का गौरवशाली इतिहास
अपनी सेवा के दौरान लगभग 57 साल समुद्र पर राज करने वाला विराट गौरवशाली इतिहास लिख चुका है. अब ख़त्म होने जा रहा है 60 साल का एक इतिहास जो न सिर्फ़ भारतीय नौसेना के सा साथ बल्कि रोयल नेवी के साथ भी जुड़ा हुआ है. ग्रैंड ओल्ड लेडी आईएनएस विराट 6 मार्च 2017 को सेवामुक्त हुआ.
1959 से लेकर 2020 तक पूरे 60 साल के इतिहास से आपको रुबरू कराते हैं. इस पोत ने सन 1959 रायल नेवी (ब्रिटिश नौसेना) के लिये कार्य करना शुरु किया. इस का प्रथम नाम HMS हर्मस था. उसके बाद 1986 मे भारतीय नौसेना ने कई देशो के युद्ध पोतों की समीक्षा करने के बाद इसे रॉयल नेवी से खरीद लिया. 12 मई 1987 को इसे भारतीय नौसेना में आधिकारिक रूप से सम्मलित कर लिया गया. 1997 में भारतीय नौसेना पोत विक्रांत के सेवामुक्त कर दिए जाने के बाद इसी ने विक्रांत के रिक्त स्थान की पूर्ति की थी. आईएनएस विराट को नौसेना में 'ग्रैंड ओल्ड लेडी' भी कहा जाता था
जैसा नाम वैसी पहचान
विराट का जैसा नाम वैसी पहचान. विराट करीब 24 हजार टन वजनी है. यह 743 फुट लंबा और इसकी चौड़ाई 160 फुट है. इसकी रफ्तार करीब 52 किलोमीटर प्रतिघंटा हुआ करती थी. एक बार जब समंदर से निकलता था तो साथ में तीन महीने का राशन लेकर निकलता था.
28700 टन वजनी इस जहाज़ पर 250 अफ़सर और 1500 नाविकों की जगह है. इसमें लाइब्रेरी, जिम, एटीएम, टीवी और वीडियो स्टूडियो, अस्पताल, दांतों के इलाज का सेंटर और मीठे पानी का डिस्टिलेशन प्लांट जैसी सुविधाएं है. ये जहाज़ एक छोटा शहर है.
भारतीय नौसेना ने न तो करगिल जंग और ना ही श्रीलंका में ऑपरेशन, या संसद हमले के बाद भारत- पाक तनाव में सीधे तौर पर हिस्सा लिया था लेकिन इसके बावजूद विराट ने इस दौरान अहम भूमिका निभाई थी. भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद I INS विराट ने जुलाई 1989 में ऑपरेशन जुपिटर में पहली बार श्रीलंका में शांति स्थापना के लिए ऑपरेशन में हिस्सा लिया. वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में भी विराट की भूमिका थी.
तैनात रहते थे 30 लड़ाकू जहाज और हेलिकॉप्टर
युद्धपोत विराट पर पर 30 लड़ाकू जहाज और हेलिकॉफ्टर तैनात रहते हैं. सी हैरियर’ (वाइट टाइगर - लड़ाकू विमान), ‘सीकिंग 42बी’ (हार्पून - पनडुब्बी निरोधक हेलीकॉप्टर) और ‘सीकिंग 42सी’ (कमांडो वाहक हेलीकॉप्टर) और ‘चेतक’ (एंजेल्स -एसएआर हेलीकॉप्टर) जैसे विमान आईएनएस विराट पर तैनात किए जाते थे.
गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है नाम
विराट के डेक से कई लड़ाकू विमानों ने 22,034 घंटे की उड़ान भरी है. इसने करीब 2,250 दिन और करीब 10,94,215 किलोमीटर का सफर समुद्र में तय किया है . इसका मतलब यह है कि विराट ने समुद्र में छह साल से ज्यादा समय गुजारा जिसमें दुनिया का करीब 27 दफा चक्कर लगाया जा सकता है. वैसे सबसे ज्यादा समय तक सेवा में रहने की वजह से इसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्डस में पहले ही दर्ज हो चुका है.
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