नई दिल्ली: सुशांत की मौत के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इस सबके बीच, सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने आरोप लगाया कि पहले रिया मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए केस को सीबीआई भेजने की बात कर रही थी. अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केस उसी मुंबई पुलिस के पास भेजने की मांग कर रही हैं. ये दिखाता है कि किस तरह से पुलिस और रिया के बीच केस को लेकर एक आम सहमति बनी हुई है. लिहाजा इस मामले की जांच पटना पुलिस को ही करना चाहिए.
मुंबई पुलिस और रिया के बीच हुआ समझौता- विकास सिंह
सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने सुशांत की मौत के मामले की जांच में एक षड्यंत्र का आरोप लगाया है. विकास सिंह ने कहा कि कुछ दिन पहले तक रिया गृहमंत्री को ट्वीट कर मामले की जांच सीबीआई से करवाने की बात कर रही थी. अब जब पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है तो फिर वहां पर वह सीबीआई की बात ना कर केस को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग कर रही हैं. जो यह दिखाता है कि किस तरह से मुंबई पुलिस और रिया के बीच समझौता हो गया है. वहीं सरकार ने भी साफ कर दिया था कि इस मामले को सीबीआई को नहीं भेजेंगे और इस तरह से यह केस मुंबई पुलिस की जांच के बाद खत्म हो जाता.
नेपोटिज्म कोई अपराध नहीं तो मुंबई पुलिस किस बात की कर रही है पड़ताल
सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने कहा कि मुंबई पुलिस अब तक जिस तरह से लोगों से पूछताछ कर रही है उससे वह क्या पता लगाना चाहती है यह समझ में नहीं आ रहा. क्योंकि अगर मुंबई पुलिस बॉलीवुड में परिवारवाद यानी नेपोटिज्म की बात करती है तो वह कोई कानूनी अपराध नहीं है. उससे क्या साबित करना चाहती है यह समझ में नहीं आ रहा.
सीबीआई जांच की मांग करने वाली रिया क्यों मामले को वापस मुंबई पुलिस के पास ले जाना चाहती हैं
विकास सिंह ने रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले जब इस मामले की जांच मुंबई पुलिस कर रही थी तो रिया सीबीआई जांच की मांग कर रही थीं. अब जबकि पटना में एफआईआर दर्ज हो गई है तो रिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केस को वापस मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की है. अगर रिया को पहले मुंबई पुलिस की जांच का भरोसा नहीं था तो आखिर अब पटना पुलिस के दर्ज़ एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग क्यों कर रही हैं.
पटना पुलिस ने दर्ज की पहली एफआईआर लिहाजा जांच का पूरा अधिकार
विकास सिंह ने एक बार फिर दोहराया कि मुंबई पुलिस अब तक जो पूछताछ कर रही है वह बिना एफआईआर के कर रही है. जबकि पटना पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज कर चुकी है. कानून के हिसाब से जहां पर भी घटना से जुड़ी पहली एफआईआर दर्ज़ होती है उसी पुलिस को जांच करने का पूरा अधिकार होता है. लिहाज़ा मुंबई पुलिस को सारे तथ्य पटना पुलिस को सौंप देने चाहिए.
सुशांत की मौत से 4 महीने पहले ही परिवार ने जताई थी जान के खतरे की आशंका
इस सबके बीच सुशांत के परिवार और उनके वकील के हवाले से एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है. सुशांत के परिवार ने 25 फरवरी को बांद्रा के डीसीपी से सुशांत की जान के खतरे की बात कही थी. हालांकि उस दौरान कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई थी. लेकिन परिवार का कहना है कि उन्होंने पुलिस से कहा था कि सुशांत की जान को खतरा है. इतना ही नहीं सुशांत की मौत के बाद भी परिवार ने साफ तौर पर पुलिस ने कहा था कि जो भी लोग सुशांत के आसपास थे, जो उनका इलाज करवा रहे थे उन सब की भी जांच की जाए लेकिन मुंबई पुलिस ने जांच नहीं की.
फिलहाल सीबीआई जांच की जरूरत नहीं
वहीं लगातार उठ रही है सीबीआई जांच की मांग पर सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने कहा कि अब जबकि इस मामले में पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. और जांच शुरू कर दी है लगता नहीं कि बिहार सरकार इस मामले को सीबीआई के पास भेजें की सिफारिश करेगी. क्योंकि बिहार सरकार को अपनी पुलिस पर भरोसा होना चाहिए और जब जांच शुरू हुई है तो पुलिस को निष्पक्ष तरीके से काम करने देना चाहिए.