Constitution Day 2020: भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान, जानें खास बातें
जब देश आजाद होने वाला था तो देश को एक ऐसी कानूनी किताब की जरूरत थी जिससे देश एकजुट हो और सभी लोगों को बिना किसी भेदभाव के सभी अधिकार मिले.संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी. इसे लिखने में छह महीने लगे थे.
आजाद भारत के इतिहास में 26 नवंबर का दिन खास है. यही वह दिन है, जब गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर अपने आजाद अस्तित्व को आकार देने का प्रयास कर रहे राष्ट्र ने संविधान को अंगीकार किया था. इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपनी स्वीकृति दी थी. इस वजह से इस दिन को 'संविधान दिवस' के तौर पर मनाया जाता है.
भारत में दो साल 11 महीने और 18 दिन की लंबी मेहनत के बाद संविधान तैयार किया गया था. भारतीय संविधान देश के सभी नागरिकों को हर क्षेत्र में समानता का अधिकार देता है. 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान तैयार हुआ था और साल 1950 में 26 जनवरी के दिन इसे लागू किया गया था.
संविधान बनाने की जरूरत क्यों हुई जब देश आजाद होने वाला था तो देश को एक ऐसी कानूनी किताब की जरूरत थी जिससे देश एकजुट हो और सभी लोगों को बिना किसी भेदभाव के सभी अधिकार मिले. इसके लिए उस वक्त स्वतंत्रता सेनानियों के बीच संविधान निर्माण की मांग उठने लगी थी. जब देश आजाद होने वाला था तो एक संविधान सभा के गठन की मांग उठने लगी. इस सभा की पहली बैठक साल 1946 में 9 दिसंबर के दिन हुई. संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुई इस बैठक में 207 सदस्य मौजूद थे. यहां यह बताते चलें कि जब संविधान सभा का गठन हुआ तो उस वक्त इस सभा में 389 सदस्य थे लेकिन बाद में उनकी संख्या कम होकर 299 हो गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आजादी के बाद जब देश का विभाजन हुआ तो कुछ रियासतें इस सभा का हिस्सा नहीं रही और सदस्यों की संख्या घट गई.
बहरहाल 29 अगस्त 1947 में संविधान सभा में बड़ा फैसला हुआ और डॉ भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन हुआ. इसके बाद 26 नवंबर 1949 को यानी आज ही के दिन इसको स्वीकार किया गया और बाद में 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया.
दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान संविधान बनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. इसको हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखा गया था. संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी. इसे लिखने में छह महीने लगे थे. भारतीय संविधान के हर पेज को चित्रों से आचार्य नंदलाल बोस ने सजाया था. इसके अलावा प्रस्तावना पेज को सजाने का काम राममनोहर सिन्हा ने किया था.
संविधान की मूल प्रति भारत की संसद की लाइब्रेरी में रखी है. इसे हीलियम से भरे केस में रखा गया है. यहां यह जान लेना भी जरूरी है कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. संविधान सभा के प्रमुख सदस्यों में जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अंबेडकर, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि थे.
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