रामनवमी के दिन से नहीं शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण कार्य, पुराने मॉडल की तर्ज पर ही बनेगा मंदिर
राम मंदिर ट्रस्ट की पहली बैठक हुई. इस बैठक में इस बात पर आम सहमति बनी दिखी कि राम मंदिर का निर्माण कार्य रामनवमी के दिन से शुरू होना मुमकिन नहीं है. क्योंकि इस दौरान बड़ी संख्या में अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कत होगी.
नई दिल्ली: राम मंदिर को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद से ही लाखों लोगों के जेहन में एक ही सवाल था कि राम मंदिर का निर्माण का काम कब से शुरू होगा. आज जब दिल्ली में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र की पहली बैठक हुई तो ये सवाल सबसे अहम सवालों में से एक था. चर्चा इस बात पर भी चल रही थी कि क्या रामनवमी के दिन से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.
इस सवाल का जवाब इस बैठक के खत्म होने के साथ ही मिल गया. बैठक में राम नवमी की तारीख की चर्चा जरूर हुई लेकिन आम सहमति इस बात को लेकर बनती दिखी कि राम मंदिर का निर्माण कार्य रामनवमी वाले दिन से शुरू करना मुमकिन नहीं दिख रहा है.
कब शुरू होगा राम मंदिर निर्माण कार्य?
राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक के दौरान इस बात पर चर्चा जरूर हुई कि क्या राम मंदिर का निर्माण कार्य रामनवमी वाले दिन से शुरू किया जा सकता है. तो इस दौरान चर्चा के दौरान सामने आया की रामनवमी वाले दिन अयोध्या में वैसे ही लाखों श्रद्धालु मौजूद रहते हैं और ऐसे में अगर निर्माण कार्य उस दिन से शुरू किया जाता है तो प्रशासन के लिए काफी दिक्कतें हो सकती हैं. लिहाजा आम सहमति इस बात पर बनती दिखी कि राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू तो अप्रैल महीने में ही किया जाएगा और रामनवमी के आसपास ही लेकिन वह तारीख रामनवमी की नहीं होगी. कोशिश यही रहेगी कि रामनवमी से लेकर अक्षय तृतीया के बीच किसी और शुभ दिन राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया जा सके.
पुराने मॉडल की तर्ज पर ही होगा भव्य राम मंदिर का निर्माण
बैठक के दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि राम मंदिर का मॉडल कौन सा होना चाहिए. क्या सालों से अयोध्या की कार्यशाला में रखे वीएचपी के मॉडल की तर्ज पर ही राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए या फिर एक नया मॉडल तैयार किया जाना चाहिए. चर्चा के दौरान इस बात पर सहमति जरूर बनती दिखी कि राम मंदिर का निर्माण वीएचपी के पुराने मॉडल के तर्ज पर ही किया जाना चाहिए. राम जन्मभूमि पर बनने वाला राम मंदिर भव्य, ऊंचे गुंबद वाला और मॉडल में दिखाए गए खंभों से ज्यादा खंभों वाला होना चाहिए. इस सबके बीच इस बात पर भी आम सहमति बनी की राम मंदिर के निर्माण के दौरान उन सभी पत्थरों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जो सालों से अयोध्या में तराशे जा रहे हैं.
'तीन साल में बनकर तैयार होगा राम मंदिर'
बैठक में ट्रस्ट के चेयरमैन की जिम्मेदारी महंत नृत्य गोपाल दास को सौंपी गई तो वीएचपी से जुड़े चंपत राय को उपाध्यक्ष बनाया गया. वहीं कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी गोविंद गिरी जी महाराज संभालेंगे. इतना ही नहीं मंदिर के निर्माण के लिए एक निर्माण समिति भी बनाई गई है जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव के तौर पर कार्य कर चुके नृपेंद्र मिश्रा होंगे. निर्माण समिति की जिम्मेदारी होगी कि वह श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की अगली बैठक के दौरान ट्रस्ट को जानकारी दें कि मंदिर का निर्माण कार्य कब से शुरू हो सकता है और उसमें कितना वक्त लग सकता है. हालांकि सबके बीच ट्रस्ट से जुड़े हुए ट्रस्टी ये उम्मीद जरूर जता रहे हैं कि अगले तीन से साढ़े तीन साल में मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा और अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर बनकर तैयार होगा.
ये भी पढ़ें
राम मंदिर ट्रस्ट: नृत्य गोपालदास अध्यक्ष और चंपत राय बने महासचिव, नृपेन्द्र मिश्रा करेंगे भवन निर्माण समिति की अगुवाई राम जन्मभूमि ट्रस्ट में चंपत राय और महंत नृत्य गोपाल दास को विशेष आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया गया