नई दिल्लीः देश में ई कॉमर्स का व्यापार बड़ी तेजी से फैल रहा है और इसके ज़रिए व्यापार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कम्पनियों का कारोबार हर साल बढ़ रहा है. लेकिन , इसके साथ ही बढ़ रही हैं इससे जुड़ी शिकायतें. भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 1 अक्टूबर को सभी उपभोक्ताओं की शिकायतों को सुनने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया था.
इस मोबाइल ऐप पर आ रहीं शिकायतों से साफ़ है कि ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर अपना सामान बेच रही कम्पनियों से उपभोक्ता पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं.
करीब 40 फ़ीसदी शिकायतें ई कॉमर्स व्यापार से
अबतक ऐप पर मिली कुल शिकायतों का करीब 40 फ़ीसदी ई कॉमर्स व्यापार से ही जुड़ा है. अबतक इससे जुड़ीं 556 शिकायतें आई हैं जिनमें 138 का निपटारा हो चुका है और 418 लम्बित हैं.
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़ ई कॉमर्स से जुड़ी सबसे आम शिकायत सामानों की गुणवत्ता को लेकर है. ज़्यादातर लोगों ने कहा है कि जो सामान उन्हें वेबसाइट पर दिखाया गया उससे उन्हें अलग सामान की डिलीवरी की गई. सामान की गारंटी और उसे लौटाने से जुड़ी दिक्कतें भी लोगों की आम शिकायतों में शामिल हैं.
दूसरे नम्बर पर है बैंकिंग क्षेत्र
ई कॉमर्स के बाद सबसे ज़्यादा शिकायतें बैंकिंग क्षेत्र से आई हैं. अबतक इस सेक्टर से जुड़ी 196 शिकायतें आई हैं जिनमें से 78 का निपटारा हो चुका है जबकि 118 लम्बित हैं. इसके बाद टेलिकॉम सेक्टर से 132 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें से 51 का निपटारा हो चुका है.
जिन अन्य क्षेत्रों से ज़्यादा शिकायतें मिल रही हैं उनमें इलेक्ट्रॉनिक , बिजली , ब्रॉडबैंड और डिजिटल पेमेंट क्षेत्र शामिल हैं. लॉन्च से अबतक ऐप पर कुल 2217 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें से 944 का निपटारा हो चुका है.
इनमें 922 शिकायतें ऐसी थीं जिनका निपटारा दर्ज होने के 15 दिनों के भीतर ही कर दिया गया. हालांकि ये सिर्फ वो शिकायतें हैं जो मोबाइल ऐप पर आई हैं. इसके अलावा मंत्रालय की नेशनल कन्जयूमर हेल्पलाइन पर रोज़ाना शिकायतों की हज़ारों फोन कॉल आती हैं.
ख़ुद उपभोक्ता मामलों के मंत्री करते हैं निगरानी
इस ऐप की ख़ास बात ये है कि इसपर आने वाली शिकायतों से लेकर उसके समाधान तक की निगरानी उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान खुद करते हैं. इसकी वजह ये है कि ऐप पर दर्ज होने वाली हर शिकायत मंत्री के मोबाइल पर भी पहुंचती है.
पासवान ने एबीपी न्यूज़ से कहा- "इसका एक बड़ा फायदा ये है कि मंत्री जब किसी शिकायत की निगरानी खुद करता है तो कम्पनियाँ को एक्शन लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है".
ऐप की एक और विशेषता ये भी है कि शिकायतकर्ता अपनी शिकायत पर हो रही कार्रवाई का खुद भी अपडेट ले सकता है. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अभी ऐप की शुरुआत हुई है इसलिए लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. यही वजह है कि पहले से मंत्रालय की ओर से चल रहे नेशनल कन्जयूमर हेल्पलाइन अभी भी ज़्यादा लोकप्रिय है.
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