(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई 2 हफ्ते टली, SC ने कहा- सोशल मीडिया में अनुचित बातें लिखने का चलन बढ़ा
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच के सामने जब यह मामला लगा तो याचिकाकर्ता के वकील निशांत कातनेश्वरकर ने बताया कि उन्हें आज सुबह ही कुणाल कामरा का हलफनामा मिला है. वह इसे पढ़ कर जवाब देना चाहते हैं.
नई दिल्लीः स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना मामले पर सुनवाई 2 हफ्ते टल गई है. याचिकाकर्ता ने आज कामरा के हलफनामे पर जवाब के लिए समय मांगा. कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी. कामरा ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी को जमानत मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के बारे में विवादित ट्वीट किए थे. इसी को लेकर उन्हें नोटिस जारी हुआ है.
कामरा ने न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के बारे में विवादित ट्वीट किए थे, बल्कि अर्णब मामले में सुनवाई करने वाले जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के बारे में भी अपमानजनक बातें लिखीं थीं. अब दाखिल जवाब में अपनी बातों को चुटकुला बता कर कोर्ट से रियायत बरतने को कहा है. हलफनामे में लिखा गया है कि याचिकाकर्ता को कॉमेडी की समझ नहीं है. सिर्फ कुछ चुटकुलों से लोगों की नज़र में न्यायपालिका का सम्मान कम नहीं हो जाएगा और बड़े पद पर बैठे लोगों में अपनी आलोचना को लेकर सहनशीलता खत्म हो रही है. यह सही नहीं है.
3 जजो की बेंच कर रही सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच के सामने जब यह मामला लगा तो याचिकाकर्ता के वकील निशांत कातनेश्वरकर ने बताया कि उन्हें आज सुबह ही कुणाल कामरा का हलफनामा मिला है. वह इसे पढ़ कर जवाब देना चाहते हैं. इसके बाद कोर्ट ने 2 हफ्ते बाद सुनवाई की बात कही.
कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा को भी जारी हुआ था नोटिस इसी बेंच में कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ अवमानना का मामला भी लगा था. 18 दिसंबर को रचिता को भी कुणाल के साथ नोटिस जारी हुआ था. उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया है. रचिता के वकील मुकुल रोहतगी ने उनके कार्टून को एक साधारण मामला बताया. कहा कि आज कल हर बात को तूल देने की होड़ मची है.
रचिता तनेजा के मामले में जवाब दाखिल करने के लिए दिया 3 हफ्ते का समय कोर्ट ने रोहतगी से कहा कि अगर वह जवाब नहीं दाखिल करना चाहते हैं तो कार्रवाई उसके बिना भी आगे बढ़ाई जा सकती है. वरिष्ठ वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगते हुए उनके मामले की सुनवाई कुणाल कामरा से अलग करने का अनुरोध किया. कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए 3 हफ्ते का समय दे दिया. सुनवाई के दौरान बेंच के सदस्य जस्टिस एम आर शाह ने संवैधानिक संस्थाओं के अपमान पर चिंता जताते हुए कहा कि इस तरह का चलन सोशल मीडिया पर बढ़ता जा रहा है.
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