छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एक के बाद एक 4 उप चुनाव में कांग्रेस की जीत ने बीजेपी के लिए मुश्किल बढ़ा दी है. पिछले दिनों खैरागढ़ उप चुनाव में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्री तक को उतारा लेकिन खैरागढ़ उप चुनाव में भी बीजेपी की करारी हार हुई.


अब बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के पार्टी और संगठन के लोगों को दिल्ली तलब किया है. पूर्व सीएम रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और संगठन महामंत्री पवन साय आज दिल्ली में राष्ट्रीय महामंत्री बी.एल.संतोष के साथ दिल्ली में शाम 4 बजे बैठक करेंगे. जिसमें बीजेपी की लगातार हार पर चर्चा होगी. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है.


पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को दिल्ली किया तलब


दरससल कांग्रेस की चुनावी रणनीति के सामने बीजेपी के दिग्गज नेताओं का जादू नहीं चल रहा है. ऐसे में अब 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की चिंता गहरा गई है. यही वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली तलब किया है. गुरुवार सुबह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को दिल्ली रवाना हो गए हैं. दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी में आयोजित बैठक में शामिल होंगे. ये बैठक छत्तीसगढ़ में बीजेपी के आगे की रणनीति के लिए काफी अहम हो सकती है क्योंकि राज्य में 15 साल तक डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे हैं. लेकिन 2018 विधानसभा चुनाव में करारी हार मिली और उसके बाद लगातार 4 विधानसभा उपचुनाव पर भी बीजेपी कांग्रेस से परास्त हो गई. अब राज्य में बीजेपी 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां करने में जुट गई है.


आंदोलनों की रणनीति तय होगी- रमन


रायपुर एयरपोर्ट में रमन मीडिया से बातचीत करते हुए बोले कि बैठक में आगे आने वाले आंदोलनों की रणनीति तय होगी. जनता के मुद्दों को धरातल पर लाने को लेकर चर्चा होगी. चुनाव नजदीक हैं, पार्टी की कार्य योजना पर वरिष्ठ नेताओं का मार्गदर्शन मिलेगा. गौरतलब है कि हाल ही में डॉ रमन सिंह ने विधानसभा जिला राजनांदगांव के खैरागढ़ उपचुनाव हुए. इसमें बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोर लगाया. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मैदान में प्रचार के लिए उतारा गया है. इसके कई और केंद्रीय दिग्गज नेताओं खैरागढ़ में डेरा जमाया था. लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आखिरी मौके पर जिला बनाने की घोषणा बीजेपी की मेहनत पर पानी फेर गया. बीजेपी प्रत्याशी को 20 हजार से अधिक वोट से हार का सामना करना पड़ा. 


कांग्रेस को रोकने पर रहे नाकाम


वहीं कांग्रेस की बता करें तो 2018 विधानसभा चुनाव के बाद हुए नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली. पहली बार राज्य के सभी 14 नगरीय निकायों में कांग्रेस के मेयर बने. इसके साथ लगातार 4 उपचुनाव में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की. फिलहाल बीजेपी के पास कांग्रेस को रोकने का कोई ब्रेकर बनाने में सफलता नहीं मिली. फिलहाल देखना होगा की आखिर दिल्ली में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ में बीजेपी की रणनीति होगी. संगठन में बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाने पर यह साफ होता है कि छत्तीसगढ़ में अब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को दखल की जरूरत पड़ रही है.


यह भी पढ़ें.


Jammu Kashmir: उमर अब्दुल्ला का केंद्र पर बड़ा आरोप - इफ्तार के वक्त काटी जा रही है बिजली, लाउडस्पीकर विवाद का भी किया जिक्र


Prashant Kishor: कांग्रेस के क्यों नहीं हुए प्रशांत किशोर, जानिए पर्दे के पीछे की पूरी कहानी