मुंबई: धनंजय मुंडे प्रकरण पर बीजेपी में अंतर्विरोध, पार्टी नेता ने लगाया ये सनसनीखेज आरोप
महाराष्ट्र की महाविकास गठबंधन सरकार को घेरने के लिए सड़क पर उतरी बीजेपी में अंतर्विरोध खुल कर सामने आ गया है. बीजेपी के एक नेता ने कहा है कि मुंडे पर आरोप लगानेवाली महिला ने कुछ वक्त पहले उन्हें भी हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की थी.
मुंबई: महाराष्ट्र की महाविकास गठबंधन सरकार को घेरने के लिए सड़क पर उतरी बीजेपी में अंतर्विरोध खुल कर सामने आ गया है. गौरतलब है कि बीजेपी को मंत्री धनंजय मुंडे की शक्ल में बड़े दिनों बाद एक मुद्दा मिला था. लेकिन इस बीच बीजेपी के एक नेता ने सनसनीखेज आरोप लगाया है. उनका कहना है कि मुंडे पर आरोप लगाने वाली महिला ने उनको भी हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की थी.
मुंडे प्रकरण का सियासी फायदा भुनाने में जुटी बीजेपी को झटका
महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री और एनसीपी के नेता धनंजय मुंडे पिछले हफ़्ते फिर एक बार विवादों में आ गए. इस बार एक महिला ने उनके खिलाफ शादी का झांसा देकर रेप और डराने धमकाने का आरोप लगाया. धनंजय मुंडे बीजेपी के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं. अपने सियासी करियर की शुरुआत मुंडे ने बीजेपी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा से की थी. साल 2012 में बीजेपी का दामन छोड़ मुंडे एनसीपी के खेमे में पहुंच गए. 2014 में उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया गया. उसी साल उन्होंने विधान सभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन अपनी चचेरी बहन और गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा से हार का मुंह देखना पड़ा.
2019 में बीड की परली सीट से उनका मुक़ाबला फिर एक बार पंकजा मुंडे से हुआ और इस बार उन्होंने चुनाव जीत लिया. ताज़ा विवाद के बारे में मुंडे ने आरोप लगाने वाली महिला की बहन के साथ रिश्ते की बात स्वीकार की है. उनका कहना है कि उसके बच्चों को उन्होंने अपना नाम भी दिया है. मुंडे के मुताबिक़ पूरा मामला अदालत में है और उनको ब्लैकमेल करने की कोशिश की जा रही थी. उधर महिला के आरोपों को बीजेपी सियासी तौर पर एनसीपी के ख़िलाफ़ भुना पाती, उससे पहले ही कृष्णा हेगड़े नाम के बीजेपी नेता सामने आ गए.
बीजेपी नेता ने महिला के खिलाफ लगाया हनी ट्रैप का आरोप उन्होंने आरोप लगाया कि महिला ने कुछ वक्त पहले उन्हें भी हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की थी. उसके बाद राज ठाकरे की पार्टी मनसे के एक नेता ने भी महिला पर हनी ट्रैप के ज़रिए ब्लैकमैल की कोशिश का आरोप मढ़ दिया. धनंजय मुंडे पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फड़नवीस के भी करीबी माने जाते हैं. साल 2019 में एक दिन सुबह जब अजीत पवार ने पार्टी से बग़ावत कर देवेंद्र फड़नवीस के साथ मंत्रिपद की शपथ ली थी, तब उस साज़िश में धनंजय मुंडे की भी भूमिका मानी गई.12 विधायकों को शपथ दिलाते वक्त राज भवन ले जाए जाने से पहले धनंजय मुंडे के सरकारी बंगले पर बुलाया गया था. सियासी उथल पुथल के बाद जब शरद पवार ने बाग़ियों के ख़िलाफ़ दल बदल क़ानून के तहत कार्रवाई की धमकी दी तो धनंजय मुंडे समेत सभी विधायक वापस पार्टी में लौट आए. ऐसे में फड़नवीस भी मुंडे के ख़िलाफ़ कड़े शब्द अपनाने से बच रहे हैं. शरद पवार पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि मुंडे का इस्तीफ़ा नहीं लिया जाएगा और पूरे मामले की जांच एसीपी रैंक के अफ़सर से कराई जानी चाहिए.