प्याज ने निकाले लोगों के आंसू, राम विलास पासवान बोले- कीमतें कम करना मेरे हाथ में नहीं
दरअसल प्याज़ और टमाटर के लगातार बढ़ते दाम से सरकार चिंतित है. इसी पर विचार करने के लिए आज राम विलास पासवान ने अपने मंत्रालय और इस मामले से जुड़े दूसरे विभागों के आला अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक बुलाई थी.
नई दिल्ली: प्याज की कीमतें आसामान को छू रही हैं. इसे लेकर उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने बैठक की. जब उनसे ये पूछा गया कि आखिर प्याज के दाम कब तक घटेंगे, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये उनके हाथ में नहीं है. राम विलास पासवान ने कहा कि सरकार प्याज़ की बढ़ती क़ीमत रोकने की कोशिश तो कर रही है लेकिन क़ीमत घटना उनके हाथ में नहीं है. बता दें कि प्याज की खुदरा कीमतें कई जगह 80 रुपये किलो तक पहुंच गयी हैं.
दरअसल प्याज़ और टमाटर के लगातार बढ़ते दाम से सरकार चिंतित है. इसी पर विचार करने के लिए आज राम विलास पासवान ने अपने मंत्रालय और इस मामले से जुड़े दूसरे विभागों के आला अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक बुलाई थी. बैठक में इन दोनों खाद्य पदार्थों की क़ीमत कम करने के लिए ज़रूरी उपायों पर चर्चा की गई जिसके बाद पासवान ने एक प्रेस कांफ्रेंस में ये बयान दिया.
बाद में राम विलास पासवान ने दी सफ़ाई
हालांकि जल्द ही इस बयान के विपरीत परिणाम को भांपते हुए राम विलास पासवान ने एक हफ्ते से 10 दिन के भीतर क़ीमत घटने का आश्वासन दिया. राम विलास पासवान ने कहा, ‘एक हफ्ते से 10 दिनों के भीतर प्याज़ की नई फ़सल की खेप बाज़ार में आ जाएगी जिसके बाद दाम घटने लगेंगे.’ उनके मुताबिक़ प्याज़ की क़ीमत बढ़ने की सबसे बड़ी वजह इस साल प्याज़ की संभावित पैदावार में कमी है.
इस साल प्याज़ की खेती में कमी
2016-17 में जहां 2.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज़ की खेती हुई थी वहीं 17-18 में ये घटकर 1.90 लाख हेक्टेयर हो गयी है. प्याज़ का उत्पादन करने वाले दो सबसे बड़े राज्यों महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी प्याज की खेती में कमी आई है. महाराष्ट्र में पिछले साल एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज़ की खेती हुई जो इस साल घटकर 79000 हेक्टेयर हो गई. वहीं कर्नाटक में 53000 हेक्टेयर से घटकर 36000 हेक्टेयर हो गई.
क़ीमतें कम करने का क्या है सरकार का प्लान ?
सरकार ने सरकारी संस्था नैफेड से महाराष्ट्र के नासिक और राजस्थान के अलवर से प्याज़ ख़रीद कर उसे सप्लाई करने को कहा है. नैफेड अबतक 1000 टन प्याज़ ख़रीद भी चुका है. इसके अलावा महाराष्ट्र की सरकारी विक्रय संस्था से भी कहा गया है कि वो केंद्र सरकार की तरफ़ से 10000 टन प्याज़ ख़रीदे जिसे बाद में केंद्र सरकार ख़रीद लेगी. सरकार को ये भी उम्मीद है कि जैसे ही ख़रीफ़ सीजन में पैदा होने वाले प्याज़ की नई फ़सल अगले 10 दिनों में बाज़ार में आएगी उसकी क़ीमत में कमी आएगी. सूत्रों ने दावा किया कि आज ही महाराष्ट्र के दो सबसे बड़े बाजार, नासिक और लासलगांव , में प्याज़ के थोक दाम में 20-25 फ़ीसदी की कमी आई है.