नई दिल्ली: विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक और आतंकियों की आर्थिक मदद से कथित तौर पर जुड़े जाकिर नाइक का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अपील पर यह कार्रवाई की गई है.


एनआईए के अधिकारियों ने कहा कि 13 जुलाई को व्यक्तिगत पेशी के लिए जारी कारण बताओ नोटिस पर जब नाइक की तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो मुंबई के रिजनल पासपोर्ट ऑफिस ने उसके ट्रैवेल दस्तावेज को रद्द कर दिया. उन्होंने कहा कि नाइक को दिए गए नोटिस में पूछा गया था कि उसके खिलाफ लंबित अलग-अलग मामलों की जांच को देखते हुए उसका पासपोर्ट क्यों रद्द नहीं किया जाना चाहिए.


एनआईए, जाकिर नाइक खिलाफ आतंक और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही है. पड़ोसी देश बांग्लादेश में पकड़े गए आतंकवादियों के यह कहने के बाद कि वे जिहाद छेड़ने की जाकिर नाइक की भाषणों से प्रेरित थे, वह एक जुलाई 2016 को भारत से फरार हो गया.


मिडिल-इस्ट की गतिविधियों से जुड़े एक ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘मिडिल ईस्ट मॉनीटर’ के मुताबिक नाइक को सऊदी अरब की नागरिकता पहले ही दी जा चुकी है. हालांकि इसकी अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है. नाइक ने पिछले साल जनवरी में ही अपने पासपोर्ट को रिन्यू कराया था और उसकी वैधता 10 साल है.


एनआईए ने 18 नवंबर 2016 को नाइक के खिलाफ अपनी मुंबई शाखा में आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) और गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.


जाकिर नाइक के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को सरकार ने मामला दर्ज करने के एक दिन पहले ही गैरकानूनी घोषित कर दिया था. विवादित उपदेशक पर अपने भड़काऊ भाषणों के जरिये नफरत फैलाने, आतंकवादियों को रकम मुहैया कराने और करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.


सूत्रों ने यह जानकारी नहीं दी कि नाइक अभी किस देश में हो सकता है और कहा कि एनआईए के उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस, अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट जारी कराने के लिये इंटरपोल से संपर्क करने के बाद संभव है. सूत्रों ने कहा कि हो  सकता है कि जाकिर नाइक बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा हो.