Delhi: दिल्ली में LG और सीएम के बीच विवाद और बढ़ा, अरविंद केजरीवाल ने मांगा मिलने का समय तो मिला ये जवाब
LG Office Refused CM Appointment: दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल को सोमवार को पत्र लिख कर मीटिंग के लिए आमंत्रित किया था.
LG Office Refused CM Appointment: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) के बीच झगड़ा लगातार बढ़ता चला जा रहा है. दोनों के बीच नया विवाद मीटिंग को लेकर बढ़ा है. दिल्ली सरकार से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उपराज्यपाल दफ्तर ने अरविंद केजरीवाल को जल्द मीटिंग का समय देने से इंकार कर दिया है.
दरअसल उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सोमवार (9 जनवरी) ही सीएम अरविंद केजरीवाल को गवर्नेंस संबंधित मुद्दों पर मीटिंग करने के लिए आमंत्रित किया था. इसके तुरंत बाद अरविंद केजरीवाल ने बैठक का आमंत्रण स्वीकार किया और आज LG दफ्तर से अप्वाइंटमेंट मांगा गया. इस पर उपराज्यपाल दफ्तर ने तुरंत अपॉइंटमेंट देने से मना कर दिया और कहा LG के पास शुक्रवार (13 जनवरी) शाम 4:00 बजे से पहले मिलने का समय नहीं है.
शुक्रवार को होती है सीएम और एलजी के बीच मीटिंग
बता दें कि हर शुक्रवार को LG और दिल्ली के मुख्यमंत्री के बीच बैठक होती है. हालांकि बीच में अलग-अलग वजहों से ये मीटिंग काफी समय से हो नही हो पाई है. इसके बाद उपराज्यपाल ने चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री से दिल्ली के जरूरी मामलों पर मीटिंग करने की बात कही थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने मंगलवार (10 जनवरी) को मिलने का समय मांगा था. लेकिन उपराज्यपाल ने पहले से चलते आ रहे तय दिन और तय समय पर ही मीटिंग करने को कहा जो हर शुक्रवार शाम 4 बजे होती है.
दिल्ली के एलजी और सीएम के बीच तकरार
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच चल रही इस तकरार पर AAP के विधायक और मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर आप दोनों के काम को देखेंगे तो अरविंद केजरीवाल जो कि अब एक राष्ट्रीय पार्टी आम आदमी पार्टी के संयोजक हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री भी हैं, उनके पास बहुत काम है.
जबकि उपराज्यपाल के पास सिर्फ डीडीए (DDA) और पुलिस का काम है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि LG का काम है कि सरकार के प्रपोजल पर काम करना लेकिन जिस तरीके से उपराज्यपाल हर काम में दखल दे रहे हैं, इससे तो पता लगता है कि वह अपने काम ही नहीं करना चाहते हैं. लॉ एंड ऑर्डर पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. खुद कह रहे हैं कि मिलने आइए और मुख्यमंत्री समय मांगते है तो कह देते हैं कि समय नहीं है. यह निम्न स्तर की राजनीति है जो उपराज्यपाल को ये शोभा नहीं देती.
क्या एलजी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल का तो कोई जुरिडिक्शन ही नहीं है कि पुलिस पब्लिक लॉ एंड ऑर्डर के अलावा किसी और मामले में दखल देने का. उन्होंने कहा कि अगर LG को चर्चा करनी है और मुख्यमंत्री ने ये कह भी दिया है कि वो मीटिंग के लिए तैयार हैं और अप्वाइंटमेंट भी मांगा गया लेकिन वो कह रहे हैं मेरे पास समय नहीं है, तो इससे पता लगता है कि LG अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं और एमसीडी में जिस तरीके से उपराज्यपाल के दफ्तर में राजनीति हुई है वह सवाल खड़े करती है.
संविधान और कानून के खिलाफ है
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है. संविधान के मुताबिक कानून व्यवस्था उपराज्यपाल के पास है, उसके अलावा सारे काम जो स्वास्थ्य शिक्षा सड़कों के काम हैं, वह मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट के पास हैं. पर हो ये रहा है कि हज कमेटी का मेंबर बनाना है तो सीधा फाइल उपराज्यपाल अपने पास मंगा कर ऑर्डर कर देते हैं. एमसीडी में एल्डरमैन बनाने की फाइल भी सीधा मंगा लेते हैं. यह संविधान के खिलाफ है, कानून के खिलाफ है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सार्वजनिक स्थल पर आकर ये बातचीत होनी चाहिए कि जब सारी चीजें उपराज्यपाल खुद ही कर देंगे तो मुख्यमंत्री की क्या जरूरत है.
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