Hijab Row: पांच राज्यों में चुनाव से पहले फैला हिजाब पर संग्राम, दिल्ली में छात्रों का प्रदर्शन तो महाराष्ट्र में चला हस्ताक्षर अभियान
Hijab Controversy: कर्नाटक में शुरू हुए हिजाब विवाद का असर अब दिल्ली समेत महाराष्ट्र में दिख रहा है. दिल्ली में छात्र प्रदर्शन करते दिखे तो वहीं महाराष्ट्र में हस्ताक्षर अभियान चलाया.
Hijab Controversy: देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कर्नाटक में शुरू हुए हिजाब विवाद का असर अब अन्य राज्यों में दिख रहा है. कर्नाटक के उडुपी के सरकारी कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ दिल्ली में छात्र प्रदर्शन करते दिख रहे हैं तो वहीं हिजाब पक्ष के लोगों ने महाराष्ट्र में हस्ताक्षर अभियान चलाया.
कैसे शुरू हुआ हिजाब विवाद?
कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कक्षा में हिजाब पहनकर आई छात्राओं को कॉलेज परिसर से बाहर चले जाने को कहा गया. यह मुद्दा अब राज्य के विभिन्न हिस्सों में भी फैल गया है. दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा समर्थित युवा हिन्दू भगवा गमछा डालकर इस मामले में कूद पड़े हैं. उसके बाद कभी पुलिस के साथ छात्रों की झड़प की खबरें सामने आयी तो कभी अभिभावक पत्थर फैंके जाने की खबरों ने राज्य सरकार की परेशानी को बढ़ाया.
राज्य में तीन दिन बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज
वहीं, अब राज्य सरकार ने तीन दिनों के लिए स्कूल-कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया है. गौरतलब है कि भगवा गमछा डालने वाले छात्रों को भी कक्षाओं में नहीं बैठने दिया जा रहा है. इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. राज्य में सत्तासीन बीजेपी कॉलेज द्वारा लगाए गए वर्दी संबंधी नियमों का समर्थन कर रही है. वहीं विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप है कि हिजाब विवाद युवाओं के दिमाग में जहर भरने की साजिश है.
महाराष्ट्र में हस्ताक्षर अभियान
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के पास स्थित भिवंडी में हिजाब के पक्ष में हस्ताक्षर अभियान का आयोजन हुआ. इस दौरान महिलाओं के हाथों में पट्टी दिखी जो कहती है कि हिजाब हमारी ताकत है और अल्लाह के प्रति हमारी आज्ञाकारिता है.
दिल्ली में प्रदर्शन
वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय में एक छात्र संगठन ने कर्नाटक के सरकारी कॉलेज में हिजाब प्रबंधों के खिलाफ बीते दिन जमकर प्रदर्शन किया. मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन ने डीयू के नॉर्थ कैंपस में प्रदर्शन किया. जानकारी के मुताबिक इस प्रदर्शन में 50 छात्र शामिल थे जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक थी.
यह भी पढ़ें.