Karnataka Congress Crisis: कर्नाटक कांग्रेस में हर गुजरते दिन के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. संभावित नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच, राज्य कांग्रेस के दर्जनभर नेताओं ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से अनुरोध किया है कि वे वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों को राज्य और पार्टी के हित में अनुशासनहीन बयानबाजी से बचने के लिए चेतावनी दें.
वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं जैसे वी.एस. उग्रप्पा, बी.एल. शंकर, वी.आर. सुदर्शन, एच.एम. रेवन्ना, बी.एन. चंद्रप्पा, एल. हनुमंतैया, प्रकाश राठौड़, पी.आर. रमेश और सी.एस. द्वारकानाथ ने मंगलवार (10 सितंबर) को मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी को एक पत्र लिखा. इस पत्र में कहा, 'छह से अधिक नेता, जिनमें वरिष्ठ मंत्री भी शामिल हैं, मुख्यमंत्री पद का दावा कर रहे हैं, जबकि उन्हें बीजेपी और जेडी(एस) के खिलाफ लड़ना चाहिए. इसके कारण हमारे कई नेता और कार्यकर्ता निराश हो रहे हैं और सरकार और पार्टी में उनका विश्वास डगमगा रहा है. कर्नाटक के लोग भी हमारे नेताओं की अंदरूनी लड़ाई और गैरजिम्मेदाराना बयानों के कारण हमारी पार्टी और सरकार पर धीरे-धीरे अपना विश्वास और आत्मविश्वास खोते जा रहे हैं.'
'प्रशासन पर पड़ रहा असर'
पूर्व एमएलसी और पूर्व सांसदों ने कहा, 'राज्य सरकार का प्रशासन भी इस खींचतान के चलते काफी हद तक प्रभावित हो रहा है.' उन्होंने मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से अपील करते हुए कहा वि वे एक सार्वजनिक बयान जारी कर नेताओं को चेतावनी दें कि वे पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले बयानों से बचें.
डिप्टी सीएम के समर्थकों का दबाव
इसी बीच, डिप्टी मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के करीबी माने जाने वाले एमएलसी दिनेश गूली गौड़ा और मंजूनाथ भंडारी ने सोमवार को मंत्रियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है, जो सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी कर रहे हैं. उनका मानना है कि ऐसी बयानबाजी पार्टी और सरकार के लिए हानिकारक है और इससे जनता के बीच कांग्रेस की छवि धूमिल हो रही है.
कांग्रेस के अंदरूनी खींचतान के इस दौर में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बढ़ रहा है कि वे राज्य के नेताओं को अनुशासित करें और सरकार की छवि को संभालने के लिए ठोस कदम उठाएं. पार्टी की इस अंदरूनी कलह से कर्नाटक में कांग्रेस की साख पर संकट गहरा रहा है और इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल भी प्रभावित हो रहा है. क्या कांग्रेस नेतृत्व इस संकट को सुलझा पाएगा, या यह कलह पार्टी के लिए और बड़ी मुसीबत बनेगी, यह देखना बाकी है.
क्या है विवाद की वजह?
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, मांड्या अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) घोटाले के आरोपों को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट में कानूनी लड़ाई का सामना कर रहे हैं. इस बीच, पार्टी के कई वरिष्ठ मंत्रियों और विधायकों के बीच मुख्यमंत्री पद की चाहत बढ़ गई है, जिससे कांग्रेस के अंदरूनी कलह की स्थिति उत्पन्न हुई है.
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