कर्नाटक में हनुमान ध्वज के बाद हरे झंडे को लेकर विवाद, बीजेपी नेता ने की हटाने की मांग, एक्शन में आई पुलिस
Flag Row: कर्नाटक के मांड्या में हनुमान ध्वज हटाने पर शुरू हुए विवाद के बीच बेंगलुरु में हरे झंडे को लेकर एक मामला आया है. बीजेपी की ओर से हरे झंडे को हटाने की मांग की गई. पुलिस ने एक्शन लिया है.
Flag Row In Karnataka: कर्नाटक के मांड्या में 108 फुट ऊंचे स्तंभ पर फहराए गए हनुमान ध्वज को प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से हटाए जाने के बाद चल रहे विवाद के बीच अब बेंगलुरु से एक मामला सामने आया है, जिसमें हरे रंग के झंडे को हटाने की मांग बीजेपी की ओर से की गई.
बीजेपी की ओर से बेंगलुरु के शिवाजीनगर इलाके में कथित तौर पर फहराए गए हरे झंडे को हटाने और तत्काल कार्रवाई करने की मांग की गई.
बीजेपी नेता बसनगौड़ा आर पाटिल ने की हरे झंडे को हटाने की मांग
बीजेपी नेता बसनगौड़ा आर पाटिल (यतनाल) ने बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर को टैग करते हुए मंगलवार (30 जनवरी) को अपने आधिकारिक X हैंडल से एक पोस्ट शेयर की, जिसमें लिखा, ''क्या किसी सार्वजनिक क्षेत्र में दुश्मन देश के रंग से मिलता-जुलता हरा झंडा फहराना हमारे ध्वज संहिता के खिलाफ नहीं है? इसे तुरंत हटाएं और यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराएं. शिवाजीनगर भारत में है, पाकिस्तान में नहीं.''
पुलिस ने की कार्रवाई
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, शिवाजीनगर में हरे झंडे को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट को देखते हुए पुलिस एक्शन में आई. पुलिस ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के कर्मचारियों के सहयोग से हरे झंडे को वहां से हटा दिया.
पुलिस ने हरे झंडे को हटाने के बारे में स्थानीय मस्जिद के कर्मचारियों और मुस्लिम समुदाय के नेताओं को भी सूचित कर दिया. कुछ लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई और कहा कि झंडा पिछले करीब 30 साल से वहां रहा है. पुलिस के मुताबिक, कार्रवाई नियमो के अनुसार की गई.
क्या है मांड्या के हनुमान ध्वज का मामला?
कर्नाटक के मांड्या जिले के केरागोडु गांव में 108 फुट ऊंचे स्तंभ से हनुमान ध्वज को हाल में प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से हटाया गया था और उसकी जगह राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया गया था. इस पर ग्रामीणों, बीजेपी और जेडीएस के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया और हनुमान ध्वज को फिर से वहां फहराने की मांग की.
लोगों ने घटना को लेकर एक विरोध मार्च भी निकाला और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. मामले पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की भी प्रतिक्रिया आई. सीएम सिद्धारमैया ने इसे बीजेपी और जेडीएस की ओर से शांति भंग करने का प्रयास बताया.
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