भारतीय वायुसेना का अमेरिकी नौसेना के साथ साझा युद्धाभ्यास पर जारी आधिकारिक बयान को लेकर विवाद, जानें पूरा मामला
अमेरिकी नौसेना का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, 'रोनाल्ड रीगन' इन दिनों केरल के तट से सटे हिंद महासागर से गुजर रहा है. ऐसे में भारतीय नौसेना कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ दो दिवसीय पैसेज एक्सरसाइज कर रही है. भारतीय वायुसेना भी 'स्ट्रेटेजिक आउटरीच एक्सरसाइज' कर रही है. लेकिन मंगलवार को जब वायुसेना ने अपना आधिकारिक बयान जारी किया तो उसमें नौसेना का जिक्र नहीं किया.
नई दिल्ली: जहां एक तरफ देश में तीनों सेनाओं के एकीकरण, ज्वाइंनेस और थियेटर कमांड की चर्चा चल रही है, ऐसे में भारतीय वायुसेना के अमेरिकी नौसेना के साथ साझा युद्धाभ्यास को लेकर जारी किए गए आधिकारिक बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. आधिकारिक बयान में भारतीय नौसेना का नाम ना लेने को लेकर पूर्व नौसेना अध्यक्ष और थलसेना प्रमुख ने कड़ा एतराज जताया है.
दरअसल, इन दिनों केरल के तट से सटे हिंद महासागर में अमेरिकी नौसेना का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, 'रोनाल्ड रीगन' गुजर रहा है. ऐसे में भारतीय नौसेना कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ दो-दिवसीय (23-24 जून को) पैसेज-एक्सरसाइज कर रही है. भारतीय वायुसेना भी निमिट्ज क्लास न्युक्लिर एयरक्राफ्ट कैरियर, रोनाल्ड रीगन के साथ 23 और 24 जून को 'स्ट्रेटेजिक आउटरीच एक्सरसाइज' कर रही है. लेकिन मंगलवार को वायुसेना ने जब अपना आधिकारिक बयान जारी किया तो उसमें भारतीय नौसेना का जिक्र नहीं किया.
ऐसे में सभी को लगा कि अमेरिकी नौसेना की सिर्फ वायुसेना के साथ ही एक्सरसाइज है. लेकिन बाद में नौसेना ने एक्सरसाइज को लेकर अपना बयान जारी किया और ट्वीट कर इसे एक इंटीग्रेटेड मेरीटाइम ऑपरेशन्स का नाम दिया.
लेकिन वायुसेना की आधिकारिक प्रेस रिलीज को ट्वीच कर पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरूण प्रकाश ने कड़ा एतराज जताया. एडमिरल अरूण प्रकाश ने लिखा कि क्या इस बेकार पीआईबी (प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो) रिलीज से आप विश्वास कर सकते हैं कि नौसेना इस यूएस-इंडियन नेवी की एक्सरसाइज में अनुपस्थित है.
एडमिरल अरूण प्रकाश के ट्वीट पर पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल वेद मलिक ने अपने आधिकारिक एकाउंट से रिप्लाई करते हुए लिखा: "ऑपरेशन्ल ज्वाइंटनेस और इंटीग्रेटेड डिफेस पॉ़लिसी के हित में रक्षा मंत्रालय और सर्विसेज़ (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) में इस तरह का एकल-सर्विस दृष्टिकोण बदला जाना चाहिए." अरूण प्रकाश ने वेद मलिक के रिप्लाई को रिट्वीट किया.
दरअसल, इन दिनों देश में तीनों सेनाओं के साझा और एकीकृत थियेटर कमांड बनाने पर चर्चा चल रही है. ये माना जा रहा था कि जल्द ही देश में ज्वाइंट मेरीटाइम और एयर डिफेंस कमांड बनने जा रही है. लेकिन थियेटर कमांड को लेकर पिछले हफ्ते हुए एक मीटिंग में वायुसेना ने इस पर एतराज जता दिया. ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने थियेटर कमांड को लेकर विस्तृत चर्चा करने पर जोर दिया है. उसके बाद ही सीसीएस यानि पीएम के नेतृत्व वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी) में थियेटर कमांड की फाइल भेजी जाएगी.
एडमिरल अरूण प्रकाश और जनरल वेद मलिक के ट्वीट के बाद भारतीय वायुसेना ने अमेरिकी नौसेना के साथ हुई एक्सरसाइज के फोटो जारी करते हुए 'इंटीग्रेटेड' शब्द का इस्तेमाल किया और लिखा कि ये भारतीय नौसेना के साथ साझा युद्धभ्यास है. यहां तक की वायुसेना ने जो जगुआर फाइटर जेट्स की जो तस्वीरें जारी की उसमें वे भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रमादित्य के ऊपर फ्लाईंग करते हुए दिखाई पड़े. वायुसेना के मुताबिक, एक्सरसाइज के दौरान भारतीय नौसेना, वायुसेना और अमेरिकी नौसेना के फाइटर जेट्स और टोही विमानों की एक साझा फ्लाई-पास्ट भी आयोजित की जाएगी.
अमेरिका नौसेना से हो रही इस एक्सरसाइज़ में भारतीय वायुसेना की तरफ से सुखोई और जगुआर फाइटर जेट्स के अलावा एवैक्स टोही विमान और आईएल78 रिफ्यूलर्स हिस्सा ले रहे हैं. वहीं, अमेरिकी नौसेना की तरफ से 'रोनाल्ड रीगन' कैरियर स्ट्राइक ग्रुप हिस्सा ले रहा है.
वायुसेना के मुताबिक, अमेरिकी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप में एयरक्राफ्ट कैरियर, यूएसएस रोनाल्ड रीगन के अलावा मिसाइल डेस्ट्रोयर, यूएसएस हैलसे और गाईडेट मिसाइल क्रूजर, यूएसएस सिलो हिस्सा ले रहे हैं. इसके अलावा 'रोनाल्ड रीगन' पर तैनात एफ-18 होर्नेट फाइटर जेट्स और टोही विमान, ईटूसी हॉकआई हिस्सा लेंगे.
भारतीय नौसेना की तरफ से आईएनएस कोच्चि और तेग युद्धपोत सहित मिग-29के फाइटर जेट्स, पी8आई टोही विमान और डोर्नियर एयरक्राफ्ट हिस्सा ले रहे हैं. नौसेना के मुताबिक, अमेरिका कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ इस एक्सरसइज में एडवांस एयर-डिफेंस, क्रॉस डेक हेलीकॉप्टर ऑपरेशन्स और एंटी सबमरीन ऑपरेशन शामिल हैं.
नौसेना के मुताबिक, एक्सरसाइज के दौरान 'वॉर फाइटिंग स्किल्स' को तो आजमाया जाएगा ही, साथ ही हिंद महासागर में शांति कायम रखने के लिए भारत और अमेरिका की नौसेनाएं 'इंटरोऑपरेबेलिटी' यानि परस्पर सहयोग पर काम करेगी.
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