जयपुर के अमागढ़ किले पर भगवा बनाम मीणा झंडे को लेकर क्यों विवाद छिड़ा है, क्या है पूरा मामला, अब तक क्या हुआ?
किरोड़ी लाल मीणा के मीणा समाज का सफ़ेद झंडा लहराने के साथ ही रामकेश मीणा भी उनके समर्थन में आ गए और उन्होंने भी इसे मीणा समाज की जीत बताया.
जयपुर दिल्ली हाइवे पर पहाड़ी पर बना आमागढ पिछले कुछ दिनो से भगवा बनाम मीणा के विवाद में फंसा हुआ है. एक बहुत छोटा सा दुर्गनुमा खंडर जहां एक पूजास्थल भी है जिसे लेकर फ़साद हुआ है. इस विवाद के पीछे मूल कारण ये है कि राज्य के जनप्रतिनिधि इस जगह को सैंकड़ों साल से मीणा समाज के क़ब्ज़े में होना बता रहे है.
ये पूरा झगड़ा एक पखवाड़े पहले तब शुरू हुआ जब एक निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा अपने समर्थकों के साथ आमागढ़ गए और वहां लगा भगवा ध्वज उतारकर उसे फाड़ दिया. इसका विरोध जब हिंदू संगठन करने पर उतारू हुए तो प्रशासन ने वहां लोगों के जाने पर रोक लगा दी.
इसके बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने शनिवार को एलान कर दिया कि वो एक अगस्त को आमागढ जाएंगे. दूसरी तरफ़ रामकेश मीणा ने भी आमागढ जाने की बात कही.
पुलिस और प्रशासन को लगा कि किरोड़ी और रामकेश के समर्थकों में टकराव के हालात बन सकते हैं इसलिए एहतियातन भारी संख्या में जवान इस इलाक़े में तैनात कर दिए गए. लेकिन, सांसद डा. किरोड़ी मीणा एक अगस्त की सुबह अपने समर्थकों के साथ आमागढ पहुंच गए और वहाँ उन्होंने मीणा समाज का सफ़ेद झंडा लहरा दिया.
डा. किरोड़ी और उनके समर्थकों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया और उन्हें जयपुर के विद्याधर नगर पुलिस थाने ले जाया गया. किरोड़ी के समर्थन में बीजेपी के कई नेता सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गए और उनकी गिरफ़्तारी का विरोध करने लगे.
किरोड़ी के सैंकड़ों समर्थक उनकी रिहाई की मांग को लेकर पुलिस थाने पर जमा हो गए और सात घंटे बाद पुलिस ने डा किरोड़ी को रिहा कर दिया. इसके बाद किरोड़ी अपने समर्थकों के साथ जयपुर के जवाहर लाल नेहरू मार्ग पर गांधी सर्किल पर धरने पर बैठ गए. कुछ देर बाद डा किरोड़ी और उनके समर्थकों का धरना ख़त्म हो गया.
इससे पहले चार जून को आमागढ में बने शिव मंदिर की मूर्तियों को तोड़ा गया था. इस पर विश्व हिंदू परिषद के स्थानीय नेताओं ने जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर थाने में मुक़दमा दर्ज करवाया था. पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ़्तार किया था.
इसके बाद 14 जून को गलतापीठ के प्रमुख ने फिर से मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करवा दी थी. तब सहमति से वहां भगवा ध्वज लगाया गया था जिसे विधायक रामकेश मीणा ने अपने समर्थकों के साथ उतारकर फाड़ दिया था.
कुल मिलाकर भगवा बनाम मीणा के इस विवाद से जयपुर के आमागढ और उसके आसपास के इलाक़े में बेवजह तनाव के हालात बन गए. मीणा समाज का झंडा फहरा कर किरोड़ी दिल्ली चले गए और अब प्रशासन आमागढ को लेकर मुस्तैद है कि फिर कोई विवाद खड़ा ना हो जाए.