मुंबई:  वंदेमातरम गीत को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गरम है.  बीजेपी विधायकों की मांग है कि वंदेमातरम गीत को स्कूल कॉलेजों में जरूरी किया जाए, लेकिन विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. कल विधानसभा के बाहर वंदेमातरम को लेकर बीजेपी और ओवीसी की पार्टी के विधायक भिड़ गए.


देशभक्ति जताने के लिए आपस में भिड़े BJP–AIMIM नेता

मुंबई में महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर वंदे मातरम के नारे को लेकर जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी के विधायक राज पुरोहित और ओवीसी की पार्टी AIMIM के वारिस पठान के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ही नेता अपनी देशभक्ति जताने के लिए आपस में ही भिड़ गए.

एक तरफ बीजेपी के नेता राजपुरोहित वारिस पठान को वंदे मातरम का नारा लगाने को कह रहे थे तो दूसरी ओर वारिस पठान कह रहे थे कि वो वंदे मातरम कहने के लिए बाध्य नहीं है. वारिस पठान ने कहा, ‘’देखिए ये कहने के लिए आप किसी को फोर्स नहीं कर सकते. संविधान में कहीं भी ये नहीं कहा गया है कि आपको ये बोलना ही पड़ेगा.’’

विवाद में कांग्रेस भी कूदी

वहीं बीजेपी के नेता राम कदम ने AIMIM पर आरोप लगाया कि अपनी राजनीति को बनाए रखने के लिए वो बेवजह वंदे मातरम को मुद्दा बना रहे हैं. राम कदम ने कहा, ‘’हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने वंदे मातरम कहते हुए फांसी पर चढ़ गए. इसे तो वो मुद्दा बना रहे हैं जिनकी राजनीति खत्म हो चुकी है.’’ वहीं कांग्रेस के नेता असलम शेख ने बीजेपी पर दोष मढ़ते हुए बड़ों मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए वंदे मातरम पर विवाद शुरू करने का आरोप लगाया.

क्या है पूरा मामला

दरअसल कुछ दिन पहले मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में वंदे मातरम गाना अनिवार्य किया था. हालांकि मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि किसी को वंदे मातरम गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. मद्रास हाईकोर्ट ने हफ्ते में कम से कम एक दिन संस्थानों में वंदे मातरम गाने का सुझाव दिया था. मद्रास हाईकोर्ट के अनुसार वंदे मातरम नहीं गाने पर उसकी वजह बतानी होगी. इस फैसले के बाद बीजेपी विधायक राज पुरोहित ने कहा कि महाराष्ट्र में भी इसे लागू करने की मांग मुख्यमंत्री से की जाएगी.