बेंगलुरू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि सरकार फिजी और दूसरे देशों में रहने वाले गिरमिटिया मजदूरों के वंशजों को ओसीआई कार्ड के पात्र बनाने के लिए प्रक्रियाएं तय करने पर काम कर रही है.


मोदी ने 14वें प्रवासी भारतीय दिवस में अपने संबोधन में कहा, ‘‘हम यह काम मॉरीशस से शुरू कर रहे है. प्रक्रियाओं को तय करने के लिए हम काम रह रहे हैं ताकि गिरमिटिया मजदूरों के वंशज ओसीआई कार्ड हासिल करने के पात्र हो सकें. हम फिजी, रीयूनियन आईलैंड, सूरीनाम, गुयाना और दूसरे कैरेबियाई देशों के पीआईओ को पेश आ रही इसी तरह की दिक्कतों को दूर करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.’’ गिरमिटिया उन भारतीय मजदूरों को कहते हैं जिनको 18वीं सदी के मध्य में गन्ने के खेतों में काम करने के लिए ले जाया गया था.


प्रधानमंत्री ने भारतीय मूल के लोगों से कहा कि वे अपने कार्ड को ‘ओवरसीज सिटिजंस ऑफ इंडिया’ कार्ड में बदलवाएं और उन्होंने इस बात को दोहराया कि सरकार ने इन कार्ड को बदलवाने की समयसीमा को पिछले साल 31 दिसंबर से बढ़ाकर 30 जून तक करने का फैसला किया है.


उन्होंने कहा, ‘‘इस साल एक जनवरी से दिल्ली और बेंगलुरू के साथ शुरूआत की गई है. हमने आवर्जन स्थलों पर ओसीआई कार्डधारकों के लिए विशेष काउंटर बनाए हैं. हम चाहते हैं कि यह प्रवासियों के वैश्विक पलायन, उपलब्धियों और अकांक्षाओं का प्रतीक बने.’’ विदेशों में तीन करोड़ से अधिक प्रवासी भारतीयों के रहने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इन लोगों का सम्मान सिर्फ संख्या की वजह से नहीं होता है, बल्कि उन स्थानों के समाज में योगदान के लिए भी उनका सम्मान होता है जहां वे रहते हैं.