Air Pollution: खाना बनाने से भी घर में होता है प्रदूषण, बेहतर वेंटिलेशन से मिल सकती है राहत, जानें शोध में क्या आया सामने
Air Pollution: खाना पकाने के दौरान खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में आने को कम करने के लिए शोध किया गया है. इसमें रेट्रोफिटिंग लगाने से लाखों घरों में वायु गुणवत्ता में सुधार मिल सकता है.
Air Pollution : हम में से अधिकांश हमारे जीवन का दो-तिहाई से अधिक समय घर पर बिताते हैं, लेकिन घर के अंदर भी, बहुत से लोग वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर के संपर्क में रहते हैं और इस प्रदूषण का अधिकांश हिस्सा खाना पकाने की वजह से होता है. खाना पकाने के दौरान खाने के जलने, तलने या पकाए जाने के दौरान बहुत छोटे कण, जिन्हें पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) कहा जाता है, पैदा हो सकते हैं. यहां तक कि भोजन के अवशेष जो ओवन या हॉब पर जमा होते हैं, और जलने पर महीन कण पैदा करते हैं.
शोध में क्या आया सामने?
शोध से पता चलता है कि दिल्ली जैसी ज्यादा प्रदूषित जगह में ये बारीक कण सांस के जरिये हृदय और फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं. अस्थमा के लक्षणों को बिगाड़ सकते हैं. फेफड़ों के कार्य को कम करने और वायु मार्ग के इंफ्लेमेशन को बढ़ा सकते हैं. इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है. एक अनुमान के मुताबिक 2019 में दुनिया भर में लगभग 23 लाख मौतें लंबे समय तक घरेलू वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने के कारण हुईं.
कार्बन उत्सर्जन को कम करने के तरीके के रूप में कई देश अपने घरेलू वातावरण को फिर से तैयार कर रहे हैं. उदाहरण के लिए आयरिश सरकार ने दशक के अंत तक पांच लाख घरों को फिर से बनाने का वादा किया है. रेट्रोफिटिंग घरों में लाखों लोगों को इनडोर एयर क्वालिटी में सुधार का अवसर मिलेगा. सरकार ने बताया कि अध्ययन से पता चला है कि सर्वेक्षण में शामिल 70 प्रतिशत मकान मालिक हैं. वे इस बात से अनभिज्ञ हैं कि अपने घर के वेंटिलेशन सिस्टम को कैसे बनाए रखें.
शोध के अनुसार खाना बनाने के दौरान क्या-क्या रखें सावधानी
खाना पकाने के दौरान अपने जोखिम को कैसे कम करें. हालांकि, खाना पकाने के दौरान खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में आने को कम करने के लिए लोगों को कई सरल युक्तियों का पालन करना चाहिए. खाना पकाने के दौरान चूल्हे पर गिरे भोजन के अवशेष चूल्हे के दोबारा चालू होते ही जलने लगेंगे. जैसे ही आप खाना बनाना शुरू करेंगे, सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने की संभावना बढ़ जाएगी. यदि आपके पास कुकर हुड है, तो खाना पकाने से पहले इसे चालू कर दें, और कुकिंग का काम पूरा करने के बाद इसे 10-15 मिनट तक चलने दें.
ये सब करने के बाद इन कणों का जमाव असुरक्षित स्तर तक बढ़ने की संभावना नहीं होगी और खाना पकाने के बाद जल्दी से नष्ट हो जाएगी. आप अपने एक्सपोजर को और कम करने के लिए अपने कुकर हुड को पीएम 2.5 सेंसर के साथ भी जोड़ सकते हैं. ये सेंसर प्रदूषक स्तरों पर अलर्ट प्रदान करते हैं. इसलिए इसे विशिष्ट समय पर चालू किया जाता है, या जब पीएम 2.5 का स्तर एक निश्चित सीमा तक पहुंच जाता है.
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