India Corona Update: चीन, अमेरिका और जापान सहित तमाम देशों में कोरोना का कहर बढ़ने के साथ ही भारत में भी खतरे की घंटी बज चुकी है. मोदी सरकार अभी से सतर्क हो चुकी है. हालांकि, अभी तक कोरोना के मामलों में उछाल नहीं देखा गया है. इस बीच एक रिपोर्ट ने डराने वाले आंकड़े पेश किए हैं. कोरोना की मैपिंग और रिसर्च लैब से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के बड़े शहरों में कोरोना तेजी से फैल रहा है. 


रिपोर्ट के अनुसार, जीनोम सिक्वेसिंग के लिए भेजे गए मामलों में 90 फीसदी से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मेट्रो शहरों से हैं. TOI के मुताबिक, एक्सपर्ट्स ने कहा, "अत्यधिक संक्रामक वैरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जीनोमिक सिक्वेसिंग कराने की आवश्यक्ता है.'' रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में पिछले कुछ समय से कोविड मामले इसलिए कम आए क्योंकि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और अन्य संक्रमित लोगों का जीनोम सिक्वेसिंग किया गया. 


जीनोम सिक्वेसिंग पर फोकस की सलाह


रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के अमरावती और अकोला जैसे जिलों में सबसे पहले डेल्टा वैरिएंट के मरीज मिले थे. इस वैरिएंट के कारण ही भारत में दूसरी लहर आई थी और देश की हालत खराब हो गई थी. INSACOG के एक वैज्ञानिक ने भारत में जीनोम सिक्वेसिंग में कमी आने पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि भारत में जीनोमिक सिक्वेसिंग करने वाली लैब को शहरी और ग्रामीण हिस्सों से पॉजिटिव नमूने मिलेंगे. 


जीनोम सिक्वेसिंग में 8 संक्रमित मिले


आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा, "हमें इस महीने (दिसंबर) तक जीनोम सिक्वेसिंग के लिए केवल आठ सकारात्मक नमूने मिले हैं. वे मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों से थे." एम्स रायपुर (छत्तीसगढ़), आईजीआईएमएस पटना (बिहार) और पंजिम (गोवा) में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में परियोजना पर काम कर रहे विशेषज्ञों ने भी इसी बात की पुष्टि की है.


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