नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए दिल्ली सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. दिल्ली सरकार की ओर से एलान किया गया था कि तीसरी लहर के बच्चों के ज़्यादा प्रभावित होने की संभावना है, ऐसे में एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. साथ ही ये आंकलन भी किया गया कि दिल्ली में तीसरी लहर के दौरान करीब 40 हज़ार बेड्स की ज़रूरत पड़ सकती है. इसी सिलसिले में दिल्ली सरकार ने तीसरी लहर के एक्शन प्लान को ध्यान में रखते हुए दो अलग-अलग समितियों का गठन किया है.


पहली कमेटी जिसका गठन किया गया है, इसमें 8 सदस्य होंगे और खासतौर पर बच्चों पर कोरोना के तीसरी लहर के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए तैयारियां करेंगे. इस कमेटी की अध्यक्षता कोरोना मामलों की नोडल अधिकारी आईएएस सत्य गोपाल करेंगे. इसके अलावा कमेटी में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, शिशु रोग विशेषज्ञ, पल्मोनोलॉजिस्ट और कई बड़े अस्पतालों में मेडिकल डायरेक्टर और मेडिकल सुपरिटेंडेंट बतौर एक्सपर्ट शामिल होंगे.


कमेटी के मुख्य काम होंगे-



  • बच्चों को ध्यान में रखते हुए तीसरी लहर के प्रभाव को लेकर तैयारियां.

  • पूरे विश्व मे अलग-अलग शहरों के कोरोना सम्बन्धी ट्रेंड और म्यूटेंट को ध्यान में रखते हुए तैयारी और मॉडलिंग एक्सरसाइज करना.

  • पॉजिटिविटी रेट इंडिकेटर के आधार पर ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान तैयार करना.

  • इसे लेकर स्पष्ट गाइडलाइन तैयार करना कि किस स्थिति में कितने केस और कितनी पॉजिटिविटी रेट आने पर कितने दिन के सख्त लॉकडाउन या फिर सीमित लॉकडाउन की घोषणा की जा सकती है.

  • पॉजिटिविटी रेट इंडिकेटर के आधार पर अस्पतालों की व्यवस्था, जैसे आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर आदि को लेकर एक्शन प्लान तैयार करना.

  • कितनी पॉजिटिविटी रेट आने पर किस क्षेत्र के किस अस्पताल को एक्टिवेट किया जाएगा, वहां पर क्या सुविधाएं विकसित रहेंगी.

  • अस्पतालों में मैन पावर, इक्यूपमेंट्स आदि की उपलब्धता को लेकर भी प्लान तैयार करना होगा.


तीसरी लहर से निपटने के लिए 13 अधिकारियों की कमेटी बनी


इसके साथ ही, दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए 13 अधिकारियों की एक और कमेटी बनाई गई है. ये कमेटी दिल्ली में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और तीसरी लहर से निपटने के लिए एक्शन प्लान तैयार करेगी. इस कमेटी की अध्यक्षता भी कोरोना मामलों के नोडल अधिकारी सत्य गोपाल करेंगे. इस कमेटी में आईएएस रैंक के अधिकारी और DGHS के अधिकारी शामिल होंगे. कमेटी तीसरी वेव को लेकर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑक्सीजन प्लांट और दवाईयों की सप्लाई के मौजूदा आंकलन और भविष्य में होने वाली ज़रूरतों के आधार पर एक्शन प्लान तैयार करेगी.


कमेटी के मुख्य काम होंगे-



  • दिल्ली में आइसोलेशन, ऑक्सीजन और ICU बेड की कितनी संख्या बढ़ाने की ज़रूरत है, इनके साथ कौन से और कितने अतिरिक्त इक्विपमेंट और मटीरियल की ज़रूरत होगी, इसका आंकलन किया जायेगा.

  • अस्थाई तौर फील्ड हॉस्पिटल और कोविड केयर सेंटर्स बनाने के लिए पहले से ही जगह भी चिन्हित की जाएगी ताकि ज़रूरत पड़ने पर फौरन इसे बनाया जा सके.

  • महत्वपूर्ण सर्विसेज और चीजों जैसे ऑक्सीजन और क्रिटिकल दवाइयां जैसे रेमडेसीवीर और टॉसिलिजूमाब का सप्लाई चेन मैनजमेंट.

  • ये सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी बड़े अस्पतालों में जहां भी सम्भव हो वहां खुद के ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएं.

  • दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड पर पाइप्ड ऑक्सीजन की सप्लाई का इंतज़ाम हो और वहां पर्याप्त संख्या में ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर और सिलिंडर मौजूद हों.

  • ऑक्सीजन के ट्रांसपोटेशन के लिए पर्याप्त संख्या में व्हीकल और क्रायोजेनिक टैंकर की संख्या का मूल्यांकन किया जायेगा.

  • पूरी दिल्ली में ऑक्सीजन स्टोरेज फैसिलिटी का मूल्यांकन किया जाएगा जिसके आधार पर तीसरी वेब के दौरान अपेक्षित मामलों की संख्या को देखते हुए स्टोरेज फैसिलिटी बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा.

  • आने वाली चुनौती से निपटने के लिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी तरह के उपकरणों और आवश्यक चीजों की खरीद पहले से ही कर ली जाए.

  • मेडिकल ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन और डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर 10,000 प्रशिक्षित पैरामेडिकल वॉलिंटियर्स का एक कैडर तैयार किया जाएगा. जिन्हें जरूरत पड़ने पर फील्ड हॉस्पिटल, कोविड केयर सेंटर या फिर होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की देखरेख से जुड़ी ड्यूटी और अन्य कई कामों में लगाया जा सके.

  • यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दिल्ली सरकार के सभी अस्पताल जो अभी निर्माणाधीन है उन्हें स्टाफ और सभी उपकरणों के साथ तैयार रखा जाए ताकि गंभीर मरीजों के लिए वहां पर आईसीयू फैसिलिटी बनाई जा सके.


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