मुंबई: एक ओर जहां पूरी दुनिया करोना की नई लहर से बेहाल है, पश्चिमी देशों में नया लॉकडाउन लग रहा है, वहीं मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन एक पॉजिटिव न्यूज लेकर सामने आ रहा है. मेट्रोपॉलिटन रीजन इलाके में पिछले हफ्ते तकरीबन 15 कोविड केयर सेंटर को बंद किया गया है. दूसरे और भी कई सेंटर्स को बंद करने की तैयारी है. इस सबसे के पीछे की वजह कोरोना के केस में आई कमी है.


एमएमआर के ठाणे, पालघर, मीरा-भयंदर और कल्याण इलाके में भी ताले लग गए हैं. मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन में नवंबर महीने की शुरुआत होने से पहले तकरीबन 15 कोविड सेंटर को बंद कर दिया गया. आगे भी कई सारे सेंटर को बंद किया जाएगा. कारण इसी से समझा जा सकता है कि 1 अक्टूबर को एमएमआर रीजन में 2609 केस सामने आए थे, वहीं महीने के अंत मे 30 अक्टूबर को ये आंकड़ा गिरकर 1041 पर आ गया था. आंकड़ों में आया यह सुधार ही वो कारण है कि कई छोटे-बड़े केयर सेंटर्स को बंद कर दिया गया है.


एबीपी न्यूज़ ने इस बात की पड़ताल की कि कैसे इन कोविड केयर सेंटर को बंद किया जा रहा है? नवी मुंबई के नेरुल के एक सेंटर और ठाणे के सेंटर में जाकर पड़ताल की गई. ठाणे का सेंटर जिसकी क्षमता 500 बेड हुआ करती थी अब उसे बंद कर दिए गया है. गेट पर ताला लगा दिया गया है. आम दिनों में वहां काम करने आने वाले कर्मचारी भी यूं ही दरवाजे के बाहर खड़े हैं. ज्यादातर जिन कोविड केयर सेंटर को बंद किया गया है, वहां पिछले कई दिनों से सिंगल डिजिट में पेशेंट एडमिट हो रहे थे. इन सेंटर्स को चलाने में जो लागत आती थी, अब लगातार कम हो रही है.


ओम साईं आरोग्य क्लीनिक की संस्था चलाने वाले डॉक्टर खालिद शेख जिनके एमएमआर रीजन में कुल 11 सेंटर थे, अब उनको 3 सेंटर इस इलाके में बंद करने के लिए कह दिया गया है. इनके कई सेंटर्स में पिछले कई दिनों से आने वाले मरीजों की तादाद इकाई के आंकड़े में है. डॉक्टर शेख के मीरा भयंदर में तीन, ठाणे में पांच और तीन सेंटर कल्याण में हैं. उल्लास और अंबरनाथ के सेंटर बंद कर दिए गए हैं.


डॉक्टर कारण बता रहे हैं कि अभी नंबर ऑफ पेशेंट बहुत कम है. कल की ही बात करें तो मीरा भयंदर में 59 पेशेंट थे. कल्याण में 88 और 156 ठाणे में थे. अब आंकड़े गिरे हैं लेकिन नंबर ऑफ बेड बहुत ज्यादा है. डॉक्टर ये भी बता रहे हैं कि इन्हें बन्द तो किया गया है और आगे जरूरत पड़ने पर फिर से तुरंत शुरू कर दिया जाएगा.


एबीपी न्यूज़ ने बंद किए जा रहे सेंटर्स को लेकर प्रशासन का पक्ष भी जाना. अलग-अलग रीजन के मुंसिपल कमिश्नर से फोन पर बात की. ठाणे के मेयर नरेश म्हस्के से भी बात हुई. अधिकारियों के संग मेयर का भी यही कहना था कि लगातार कम हो रहे आंकड़ों के बीच कुछ करोना सेंटर्स को बंद किया जा रहा है. इन्हें पूरी तरीके से बंद नहीं किया जा रहा अस्थाई तौर पर बंद किया जा रहा है. भविष्य में जरूरत पड़ने पर इन्हें फिर से ऑपरेट किया जा सकता है. कम हो रहे आंकड़े वाकई में सकारात्मक संकेत देते हैं.


वहीं महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के शशांक जोशी का कहना है कि जब तक वैक्सीन नहीं बनती तब तक सतर्क रहने की जरूरत है. सेंटर्स को जल्दीबाजी में बंद नहीं करना चाहिए. सोच समझकर हल्के हल्के से बंद करना चाहिए.


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