Corona Cases In India: केरल में कोरोना के केस एक बार फिर से बढ़ रहे हैं. यहां सोमवार (18 दिसंबर) को ही कोविड-19 के 111 नए मामले सामने आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब राज्य में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या बढ़कर 1,634 हो गई है.


इसके अलावा केरल में कोरोना के कारण एक शख्स की जान भी गई है. इसी के साथ पिछले तीन साल में कोरोना वायरस से राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 72 हजार 53 हो गई. इस बीच केंद्र सरकार ने ना घबराने की सलाह देते हुए कहा कि सतर्क रहें. 


केंद्र ने किया सतर्क
केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से देश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि और जेएन.1 वैरिएंट का पहला मामला सामने आने के बीच निरंतर निगरानी बनाए रखने को कहा.  केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक लेटर में कहा, ‘‘केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लगातार और सहयोगात्मक कार्यों के कारण हम (कोविड-19 के) मामलों की संख्या कम करने में सक्षम हुए.’’


उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, कोविड-19 वायरस का प्रकोप जारी है. इसलिए सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए गति को बनाए रखना महत्वपूर्ण है.’’


केरल और तमिलनाडु का किया जिक्र
पंत ने कहा कि हाल में केरल जैसे कुछ राज्यों में कोविड​​-19 के मामलों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है. भारत में कोविड-19 के जेएन.1 वैरिएंट का पहला मामला आठ दिसंबर को केरल में सामने आया था. इससे पहले, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का एक यात्री सिंगापुर में जेएन.1 वैरिएंट स्वरूप से संक्रमित मिला था.


उन्होंने मामलों का जल्द पता लगाने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के जिला आधारित मामलों की नियमित आधार पर निगरानी और रिपोर्ट करने को कहा है. 


राज्यों को क्या सलाह दी?
राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे सभी जिलों में कोविड-19 जांच दिशानिर्देशों के अनुसार पर्याप्त परीक्षण सुनिश्चित करें और आरटी-पीसीआर और एंटीजन जांच की अनुशंसित हिस्सेदारी बनाए रखें. 


अपने पत्र में, पंत ने आरटी-पीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने और भारतीय सार्स सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इनसाकॉग) प्रयोगशालाओं में जीनोम अनुक्रमण के लिए संक्रमित पाए गए नमूने भेजने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि देश में नए स्वरूप का समय पर पता लगाया जा सके. 


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