COVID-19: चीन, अमेरिका और जापान में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामले, भारत को लेकर क्या है टॉप एक्सपर्ट की राय?
Covid Situation in India: चीन में सबसे तेजी से कोरोना फैल रहा है. अमेरिका और जापान समेत दुनिया के कई देशों में कोविड केस बढ़ रहे हैं, ऐसे में भारत की स्थिति और तैयारी क्या है?
Top Expert Opinion on COVID Situation in India: चीन, अमेरिका और जापान में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. चीन में तो कोरोना का विस्फोट सा हुआ है. इस बीच मंगलवार (20 दिसंबर) को भारत सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई. इस दौरान भारत के एक शीर्ष विशेषज्ञ ने कोविड की स्थिति को लेकर राय सामने रखी है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, COVID-19 कार्यकारी समूह NTAGI (टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह) के अध्यक्ष डॉक्टर एनके अरोड़ा ने कोविड हालात को लेकर बात की है.
उल्लेखनीय है कि मंगलवार (20 दिसंबर) को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को पत्र लिखकर कहा है कि सभी राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग पर काम करना होगा. उन्होंने पत्र में लिखा कि चूंकि अभी देश में कोविड मामलों की संख्या कम है, इससे जान गंवाने वालों की संख्या में भी कमी आई है लेकिन जिस तरह से वायरस दुनिया में फिर से फैल रहा है, ऐसे में सरकार कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है. नए वैरिएंट्स की समय पर पहचान करनी होगी.
क्या कहा COVID-19 कार्यकारी समूह NTAGI के अध्यक्ष ने?
मंगलवार (20 दिसंबर) शीर्ष भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ, COVID-19 कार्यकारी समूह NTAGI (टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह) के अध्यक्ष डॉक्टर एनके अरोड़ा ने कहा, ''यह महत्वपूर्ण है कि हम चीन की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखें लेकिन मैं कहूंगा कि इसके बारे में घबराने की कोई बात नहीं है. बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. सिस्टम बहुत सतर्क है, हमें बहुत चौकस होने की जरूरत है. जहां तक जीनोमिक निगरानी का सवाल है, यह सबसे ज्यादा अहम हिस्सा है. हम लक्षण वाले लोगों की जीनोमिक निगरानी कर रहे हैं.''
सब-वैरिएंट के उभरने के स्थिति में भारत की तैयारी कैसी?
कोविड हालात से निपटने के लिए भारत की तैयारियों पर भरोसा जताते हुए डॉक्टर अरोड़ा ने कहा कि नए सब-वैरिएंट के उभरने की स्थिति में देश उचित कार्रवाई कर सकता है. उन्होंने कहा, ''हम सीवेज से लेकर अस्पतालों में भर्ती लोगों और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आने वालों की भी निगरानी कर रहे हैं. एकाएक निश्चित अनुपात में लोगों के नमूने भी लिए जा रहे हैं. अगर कोई नया सब-वैरिएंट या कुछ भी मिलता है, जो चिंता का विषय हो सकता है, उसके तुरंत निदान के लिए उचित कार्रवाई की जा सकती है.'' उन्होंने कहा कि इस प्रकार कुल मिलाकर हम देखते हैं कि भारत में हालात काबू में हैं लेकिन सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है, खासकर निगरानी के स्तर पर.
भारत में कोविड से लोगों को क्या बचा सकता है?
डॉक्टर अरोड़ा ने कहा कि टीकाकरण और हाईब्रिड इम्युनिटी भारत में लोगों को कोविड से बचाने में मददगार साबित होगी. उन्होंने कहा, ''जहां तक भारत का सवाल है, हमें तीन-चार बातों पर ध्यान रखना है. एक- भारत में विशेष रूप से बहुत प्रभावी टीकों के साथ, बड़े पैमाने पर प्रतिरक्षित (टीका लगवा चुके लोग) वयस्क आबादी है.''
उन्होंने कहा, ''दूसरी बात यह कि कई आंकड़े हैं, जो दिखाते हैं कि 90 फीसदी से ज्यादा हमारे लोग प्राकृतिक कोविड संक्रमण से प्रभावित हुए हैं. इसलिए भारतीय आबादी उस चीज से प्रतिरक्षित है, जिसे हम हाइब्रिड इम्युनिटी कहते हैं. तीसरी बात यह कि INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) का डेटा दिखाता है कि ओमिक्रॉन का लगभग हर सब-बैरिएंट जो दुनिया में कहीं भी पाया जाता है, वो भारत में भी पाया जाता है. इसलिए ऐसे बहुत से सब-बैरिएंट नहीं बचे हैं जो यहां नहीं घूम रहे हैं. बता दें कि बुधवार (21 दिसंबर) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया कोरोना को लेकर एक समीक्षा बैठक कर सकते हैं.
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