Coronavirus Cases: कोरोना वायरस के मामलों में उछाल ने बजाई खतरे की घंटी! आज होगी केंद्र की बड़ी बैठक, हो सकते हैं सख्त फैसले
Coronavirus Cases In India: 19 मार्च को सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, एक ही दिन में 1070 नए कोरोना मामलों के साथ चार लोगों की मौत के आंकड़े ने एक बार फिर से चिंताजनक हालातों की ओर इशारा कर दिया है.
Covid-19 Guidelines: कोरोना मामलों में अचानक आए उछाल ने केंद्र सरकार से लेकर राज्यों के माथे पर बल ला दिए हैं. कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सोमवार (20 मार्च) को एक बड़ी बैठक होने वाली है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के मद्देनजर रणनीतियां बनाई जा सकती हैं. इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस को लेकर भी कुछ बड़े फैसले लिए जाने की संभावना जताई जा रही है.
सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर आए आंकड़ों ने चौंका दिया है. एक ही दिन में 1070 नए कोरोना मामलों के साथ चार लोगों की मौत के आंकड़े ने एक बार फिर से चिंताजनक हालातों की ओर इशारा कर दिया है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 6350 पहुंच गई है.
बीते चार महीनों में एक ही दिन में आए सबसे ज्यादा केस
रविवार (19 मार्च) के आंकड़ों के मुताबिक, 1070 कोरोना वायरस के मामले पूरे देश में सामने आए थे. ये आंकड़ा बीते चार महीनों में सबसे ज्यादा रहा है. आखिरी बार भारत में बीते साल 6 नवंबर, 2022 मं 1000 कोरोना केस एक ही दिन में सामने आए थे. अचानक कोरोना मामले में हुए उछाल ने रोजाना के औसत में भी बढ़त ला दी है.
कोरोना गाइडलाइंस हो सकती हैं सख्त
माना जा रहा है कि आज होने वाली बैठक में कोरोना गाइडलाइंस को कुछ सख्त किया जा सकता है. इससे पहले 19 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी की थीं. इसमें कहा गया था कि जब तक बैक्टीरिया के संक्रमण की क्लीनिकल तौर पर पुष्टि न हो एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
नई गाइडलाइंस के मुताबिक, कोविड-19 के अन्य इंफेक्शन के साथ होने की संभावना को नकारा नहीं जाना चाहिए. हल्के संक्रमण में कोई गंभीर लक्षण सामने नहीं आ रहे हैं. कोरोना वायरस के मामलों के ताजा आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा एक्टिव केस केरल, महाराष्ट्र और गुजरात में दर्ज किए गए हैं. केंद्र सरकार ने इन तीनों राज्यों समेत तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक को फाइव फोल्ड स्ट्रेटडी अपनाने की सलाह दी है. फाइव-फोल्ड स्ट्रेटजी के तहत टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और वैक्सीनेशन पर काम किया जाता है.
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