Corona Crisis: भारत से चीन की फ्लाइट तुरंत कर देनी चाहिए कैंसिल, कोरोना की खतरनाक स्थिति पर बोले कांग्रेस नेता
Coronavirus: चीन में कोरोना के बेकाबू हालात दुनियाभर के देशों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. भारत सरकार भी अलर्ट पर है.
Coronavirus Crisis In India: चीन में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है. माना जा रहा है कि चीन में कोरोना संक्रनमण से 2.1 मिलियन लोग मारे जा सकते हैं. वहीं भारत के साथ चीन का सीमा विवाद भी चल रहा है. हाल ही में भारत और चीन की सेनाओं की बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में झड़प हुई थी. इस बीच कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार से एक अपील की है.
मनीष तिवारी ने कहा, "चीन में कोविड-19 की खतरनाक स्थिति को देखते हुए सरकार को चीन से आने-जाने वाली सभी उड़ानें तुरंत निलंबित कर देनी चाहिए. अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. एक नए घातक संस्करण के उभरने की संभावना को देखते हुए भारत को कोविड प्रोटोकॉल फिर से लागूकरने पर विचार करना चाहिए."
चीन में तेजी से बढ़ते कोरोना मामले एक बार फिर चिंता का विषय है. अभी तक चीन में जीरो कॉविड पालिसी लागू थी. चीन की जनता ने पॉलिसी के खिलाफ सड़क पर विरोध प्रर्दशन किया जिसके बाद चीनी सरकार ने कोविड पालिसी में ढील दी. इसके बाद से चीन में कोरोना बेकाबू होने लगा है. चीन के तेजी से बढ़ते कोरोना संकट ने दुनियाभर के देशों को चिंता में डाल दिया है.
भारत सरकार कोरोना को लेकर सतर्क
भारत सरकार भी चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर सतर्क हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया 21 दिसंबर को कोरोना पर हाई-लेवल मीटिंग करेंगे. हांलाकि भारत में और देशों से कोरोना कि स्थिति काफी बेहतर है लोकिन सरकार अभी से कोरोना से निपटने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री 'अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य' को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी पर बैठक करेंगे जिसमें स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कई बड़े अफसर शामिल होंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में आयुष विभाग, स्वास्थ्य विभाग, फार्मास्यूटिकल्स, बायो तकनीक, ICMR के महानिदेशक राजीव बहर, नीती आयोग के सदस्य समेत अन्य अधिकारी शामिल हो सकते हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को जारी किया आदेश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि कोरोना के दर्ज हो रहे मामलों का सैंपल प्रयोगशाला भेजा जाए जिससे ये पता चल सके कि कोरोना का कोई नया वेरिएंट तो नहीं. वहीं अगर नया वेरिएंट सामने आता है तो उसे ट्रैक किया जा सके.