मुंबई: कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है. देश में अब तक इसके 147 मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना वायरस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर डालता है. भारत की आयुर्वेदिक परंपरा के अंतर्गत तुलसी और नीम का इस्तेमाल हमेशा से रोग उपचार के लिए किया जाता रहा है.
कोरोना के बढ़ते कहर और डर के बीच में मुंबई में नीम और तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल बेतहाशा बढ़ गया है. जिसके चलते दाम में कई गुना वृद्धि भी हो गई है. लोग इसका इस्तेमाल चाय बनाने, काढ़ा बनाने और नहाने के लिए कर रहे हैं.
कोरोना वायरस की चुनौती के बीच में नीम के पत्ते तुलसी के पत्ते की डिमांड भी ज्यादा बड़ी हुई है. मुंबई के दादर के फूल बाजार में जहां पूरी मुंबई के नीम के पत्ते और तुलसी के पत्ते की खरीद-फरोख्त होती है वहां जो बंडल पहले 15 से 20 रुपये में मिलता था आज उसका दाम 40 रुपये से ज्यादा हो गया है.
दुकानदारों का कहना है कि वायरस के डर के बीच में लोग खूब खरीदारी कर रहे हैं. जिन जगहों पर इसकी खेती होती है वहां से ट्रांसपोर्ट के साधन भी सीमित हो गए हैं. जिसके चलते दाम बढ़े हुए हैं.
ग्राहक नीम का पत्ते और तुलसी के पत्ते खरीद कर ले जा रहे हैं. घरों में उसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. नीम के पत्ते को उबालकर उसके पानी से नहा रहे हैं. उसके पानी से अपना हाथ धो रहे हैं. तुलसी के पत्ते की चाय बना रहे हैं. हमेशा से इन पत्तों का इस्तेमाल तो खूब किया जाता था पर अब जब से कोरोना इस कदर बढ़ा है इनका उपभोग बढ़ गया है लोग मंडियों में जाकर इन पत्तों को खरीद रहे हैं.
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