नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के वकील बहुत जल्द अपने दफ्तर से ही मुकदमें फाइल कर सकेंगे. यही नहीं, उन्हें दफ्तर में बैठे-बैठे ही जिरह करने की भी सुविधा मिलेगी. कोर्ट में लोगों की आवाजाही में कमी लाने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इन उपायों पर पहले से काम किया जा रहा था. अब कोरोना के चलते इस काम में तेजी लाई गई है.


कोविड-19 यानी कोरोना से निपटने के लिए पिछले तीन-चार दिनों से सुप्रीम कोर्ट ने काफी तत्परता दिखाई है. कोर्ट ने फिलहाल कामकाज को बेहद सीमित करते हुए सिर्फ जरूरी मामलों पर ही सुनवाई की बात कही है. गैरजरूरी लोगों को परिसर में आने से रोकने, जांच के बाद ही दाखिल होने की इजाजत देने, पूरे कोर्ट परिसर को सैनिटाइज करने जैसे कई उपाय अपनाए जा रहे हैं.


CJI ने ली अहम बैठक


इसी कड़ी में रविवार को चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने बेहद अहम बैठक बुलाई. बैठक में चीफ जस्टिस के साथ जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस यु यु ललित, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और एल नागेश्वर राव शामिल हुए. बैठक में एम्स के डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, आईसीएमआर के डॉक्टर बलराम भार्गव समेत फोर्टिस, अपोलो और मेदांता हॉस्पिटल के बड़े डॉक्टर शामिल हुए. वकीलों की संस्था SCBA और SCAORA के प्रतिनिधि भी बैठक में मौजूद रहे.


जारी रहेंगे एहतियाती उपाय


इस बैठक में यह तय किया गया कि फिलहाल कोर्ट में कामकाज को सीमित रखना जारी रहेगा. साथ ही :-


* कोर्ट में आने वाले लोगों से बकायदा फॉर्म भरवा कर यह जानकारी ली जाएगी कि वह किसी ऐसे देश तो नहीं गए थे जहां कोरोना का असर है.


* उनके परिवार में कोई कोरोना से प्रभावित तो नहीं है.


* पिछले 2 दिनों में उनका स्वास्थ्य कैसा रहा है? सर्दी या बुखार जैसे कोई लक्षण तो नहीं हुए?

* लोगों के कोर्ट परिसर में दाखिल होने से पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. जिनके शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा होगा, उन्हें परिसर में आने से रोक दिया जाएगा.


* कोर्ट परिसर को रोजाना सैनिटाइज किया जाएगा.


* कोर्ट रूम के अंदर वालंटियर खड़े होंगे, जो लोगों को एक दूसरे के ज्यादा करीब आने से आगाह करते रहेंगे.


* जगह-जगह सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जाएगा.


* इस तरह की तस्वीरों वाले पोस्टर लगाए जाएंगे जिनमें कोरोना के विस्तार से बचने के लिए जरूरी जानकारी दी जाएगी.


कोर्ट आए बिना होंगे सारे काम


इसी बैठक के दौरान सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जल्द ही वकीलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने दफ्तर से मुकदमों की पैरवी करने की सुविधा दी जाएगी. उन्होंने बताया :-


# बहुत जल्द दफ्तर में बैठकर मुकदमे फाइल करने के लिए की ई-फाइलिंग सुविधा हफ्ते में सभी दिन 24 घंटे के लिए शुरू कर दी जाएगी.


# वकील एक ऐप डाउनलोड करने के बाद अपने दफ्तर से बैठकर मुकदमों में जिरह कर सकेंगे.


# कोर्ट की कार्रवाई रिपोर्ट करने के लिए आने वाले पत्रकार को भी कोर्ट रूम में आने की जरूरत नहीं होगी. उनके बैठने के लिए जो प्रेस लाउंज बनाया गया है, वहां पर स्मार्ट टीवी के जरिए उन्हें मुकदमों की कार्रवाई देखने-सुनने की सुविधा मिलेगी.


आएगा ऐतिहासिक बदलाव


दरअसल मौजूदा चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े को तकनीक से जुड़े विषयों में गहरी दिलचस्पी है. वह कई बार सुप्रीम कोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बढ़ाने की मंशा जताते रहे हैं. बिना कागज बर्बाद किए इंटरनेट के जरिए मुकदमों की फाइलिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुकदमों की पैरवी जैसी बातों पर लंबे समय से चर्चा होती रही है. लेकिन चीफ जस्टिस बोबड़े के कार्यकाल में इसमें तेजी आई है. अब कोरोना के खतरे को देखते हुए इस प्रक्रिया को और भी ज्यादा तेज कर दिया गया है. ऐसे में जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के कामकाज के तरीके में ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिल सकता है.


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