नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक कर इन राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करेंगे.


कोरोना के 63 फीसदी सक्रिय मामले इन सात राज्यों में हैं. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के अलावा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री भी इस बैठक में शामिल होंगे.


देश में कोरोना के कुल पुष्ट मामलों का 65.5 फीसदी और कुल मृत्यु के 77 फीसदी मामले भी इन्हीं राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं. बयान में कहा गया कि अन्य पांच राज्यों के साथ-साथ पंजाब और दिल्ली में हाल ही में कुल मामलों की संख्या में काफी तेज वृद्धि दर्ज की गई है.


महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली में मृतकों की संख्या भी काफी बढ़ी है. इन राज्यों में मृत्यु दर दो प्रतिशत से अधिक है जो कि मृत्यु दर का उच्च औसत है. पंजाब और उत्तर प्रदेश के अलावा उनकी संक्रमण की पुष्टि दर राष्ट्रीय औसत 8.52 प्रतिशत से अधिक है. बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के प्रभावी सहयोग और निकट समन्वय के साथ मिलकर कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रही है.


केंद्र सरकार उनकी स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार सहायता कर रही है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एम्स नई दिल्ली के सहयोग से किए गए ई-आईसीयू टेली-परामर्श के माध्यम से आईसीयू का संचालन करने वाले डॉक्टरों की नैदानिक प्रबंधन क्षमताओं को काफी हद तक बेहतर किया गया है.


बयान में कहा गया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ उच्च स्तर की समीक्षा ने अस्पतालों तथा कोविड स्वास्थ्य सुविधाओं में चिकित्सा ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की है. केंद्र सरकार नियमित रूप से राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता करने और सकारात्मक मामलों के प्रबंधन, निगरानी, परीक्षण तथा कुशल नैदानिक प्रबंधन के लिए विभिन्न दलों की नियुक्ति कर रहा है.


ये केंद्रीय दल स्थानीय अधिकारियों को समय पर निदान उपलब्ध कराने और आवश्यक कार्रवाई से संबंधित चुनौतियों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं.


यह भी पढ़ें.


समय से पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो सकते हैं संसद के दोनों सदन, कोरोना के खतरे के चलते हो सकता है फैसला