भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस तेजी से पैर पसार रहा है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर में हालात सबसे ज्यादा चिंताजनक हैं. देश में कोरोना की एंट्री महाराष्ट्र से हुई थी लेकिन अगर मरीजों की संख्या और इस से हुई मौतों का एवरेज आंकड़ा देखा जाए तो मध्य प्रदेश ने महाराष्ट्र को अब पीछे छोड़ दिया है. एमपी में कोरोना वायरस का पहला केस 20 मार्च को सामने आया था और इससे पहली मौत 25 मार्च को इंदौर में हुई. मध्यप्रदेश में अब तक कोरोना 14 दिनों में 29 लोगों की जान ले चुका है.
महाराष्ट्र से ज्यादा एमपी में दम तोड़ रहे मरीज
एमपी की राजधानी भोपाल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. चार दिन पहले तक यहां केवल 18 मरीज थे जो अब 94 हो गए हैं. एमपी में अब कुल 381 कोरोना वायरस पीड़ित हैं. इनमें से 29 की मौत हो चुकी है. प्रदेश में कोरोना से मौतों का प्रतिशत 7.6 है जबकि महाराष्ट्र में 1018 मरीजों में से 64 ने अपनी जान गंवाई है और इसका प्रतिशत 6.2 ही है.
एमपी का स्वास्थ्य विभाग कोरोना पॉजिटिव
मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पर स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी ही कोरोना से पीड़ित हैं. एमपी की स्वास्थ्य सचिव पल्लवी जैन गोविल, संचालक स्वास्थ्य जे विजय कुमार, अतिरिक्त संचालक डॉ वीणा सिन्हा समेत 45 अफसर और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
वहीं कोरोना के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए सर्वाधिक प्रभावित जिले भोपाल और इंदौर की सीमाओं को पूरी तरीके से सील कर दिया गया है. मास्क नहीं पहनने पर जेल भेजे जाने तक की कार्रवाई हो सकती है. तेजी से जांच करने के लिए एमपी सरकार ने 50 हजार रेपिड टेस्ट किट भी मंगवाई है.
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