Coronavirus in India: चीन समेत दुनिया के कई देशों में ओमिक्रोन के सब वेरिएंट बीएफ.7 (Omicron BF.7) से संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद भारत सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. कोविड (Covid-19) को लेकर केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को भी कई दिशा निर्देश दिए हैं. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि वे देश में कहीं से भी संभावित उछाल के संकेतों का जल्द पता लगाने के लिए श्वसन संबंधित बीमारियों की निगरानी को लेकर अस्पताल आधारित व्यवस्था को मजबूत करें. 


स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अगर देश के कुछ क्षेत्रों में कोविड-19 से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने या सांस की बीमारियों में अचानक उछाल आता है तो यह हमारे लिए खतरे की घंटी है, इसलिए सभी अस्पतालों को कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और किसी भी असामान्य पैटर्न की पहचान की जानी चाहिए.


सांस की बीमारियों पर नजर रखने के निर्देश


कोरोना प्रबंधन और वैक्सीनेशन की प्रगति को लेकर राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ अपनी समीक्षा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने 23 दिसंबर को कहा था कि स्वास्थ्य सुविधा-आधारित व्यवस्था के साथ रेस्पिरेटरी वायरस संबंधित निगरानी पर ध्यान दिया जाना चाहिए. अलग-अलग राज्यों में सीवेज और वेस्टवॉटर (Waste Water) की निगरानी पर भी जोर दिया जाना चाहिए क्योंकि मनुष्य भी अपने मल के माध्यम से वायरस को फैला सकते हैं.


जीनोम सीक्वेंसिंग पर भी विशेष जोर


स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने राज्यों से INSACOG नेटवर्क के जरिए वेरिएंट को ट्रैक करने के लिए पॉजिटिव केस सैंपल के पूरे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करने का भी आग्रह किया ताकि नए वेरिएंट का समय पर पता लगाना सुनिश्चित किया जा सके. INSACOG नियमित रूप से कोविड पॉज़िटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कर रहा है.


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