मुंबईः क्या देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में फिर से एक बार लॉकडाउन लगाया जा सकता है? ये सवाल इसलिये उठाया जा रहा है क्योंकि बीते 20 दिनों से शहर में कोरोना के मरीजों की संख्या में काफी बढोत्तरी हो रही है. जिसे लेकर मुंबई महानगरापालिका और महाराष्ट्र सरकार स्थिति पर नजर बनाये हुए है.


मुंबई में बढ़ रहे संक्रमित


बीते एक फरवरी से लगातार मुंबई में नये कोरोना मरीजों की संख्या रोजाना 500 से ऊपर आ रही है. अकेले बुधवार को 700 से ज्यादा मरीज कोरोना से संक्रमित पाये गये. हाल के वक्त में किसी एक दिन में इतनी बडी तादाद कोरोना मरीज पहली बार पाये गये हैं.


प्रशासन ने कसी कमर


अचानक हुई कोरोना की मरीजों की इस बढोत्तरी के पीछे मुंबई की लोकल ट्रेनों का सभी के लिये शुरू किया जाना माना जा रहा है. एक फरवरी के पहले तक सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं से जुडे लोग और ऐसे व्यवसायों से जुडे लोग ही लोकल ट्रेनों में सफर कर सकते थे, लेकिन 1 फरवरी के बाद से कुछ चुनिंदा घंटों को छोडकर लोकल ट्रेनें आम मुसाफिरों के लिये शुरू कर दी गईं. मुंबई की लाइफ लाइन लोकल ट्रेनों के शुरू होने से शहर की जिंदगी पटरी पर आने की उम्मीद तो जताई जा रही है लेकिन इसने नई मुसीबत भी खडी कर दी है.


दूसरी ओर मुंबई महानगरपालिका का मानना है कि कोरोना मरीजों की बढोत्तरी के लिये अकेले लोकल ट्रेने जिम्मेदार नहीं है. बीएमसी के मुताबिक दूसरे देशों और दूसरे राज्यों से लोगों का आना भी इसके पीछे एक प्रमुख कारण है. बीएमसी का ये भी कहना है कि लोगों ने भी लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है. कई लोग न तो मास्क पहन रहे हैं और न ही सुरक्षा के दूसरे नियमों का पालन कर रहे हैं.


मेयर किशोरी पेडणेकर ने लिया जायजा


शहर की स्थिति का जायजा लेने के लिये मुंबई के मेयर किशोरी पेडणेकर खुद सडक पर उतर रहीं हैं. सुरक्षा नियमों का पालन हो रहा है कि नहीं इस संबंध में गुरूवार को उन्होने मुंबई के कई धर्मस्थलों पर जाकर जायजा लिया. बुधवार को उन्होनें लोकल ट्रेनों में सफर किया और रेलवे स्टेशनों का भी जायजा लिया.


बीएमसी का कहना है कि वो अगले दस दिनों तक हालात पर गौर कर रही है, उसके बाद कोई फैसला लिया जायेगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी कहा है कि अगर लोग लापरवाही बंद नहीं करते हैं तो सरकार कठोर कदम उठा सकती है. देश में इस वक्त सबसे ज्यादा कोरोना के मामले महाराष्ट्र और केरल से आ रहे हैं.


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