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लॉकडाउन में मजदूरों की घर वापसी शुरू, चली पहली स्पेशल ट्रेन, तेलंगाना से झारखंड रवाना हुए 1200 प्रवासी
पूरे देश में कोरोना की वजह से जब से लॉकडाउन लगा है तभी से लोग जहां तहां फंसे हुए हैं. इनमें सबसे बड़ा वर्ग है मजदूरों का जो काम की तलाश में अपना राज्य, घर छोड़कर पलायन करते हैं.
कोरोना संकट की वजह से लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की घर वापसी अब शुरू हो गई है. लॉकडाउन के बीच तेलंगाना से झारखंड के लिए पहली स्पेशल ट्रेन चली. इस ट्रेन में 1200 प्रवासियों को रवाना किया गया. आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया, "24 बोगियों वाली ये ट्रेन शुक्रवार सुबह चार बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई." उन्होंने बताया कि यह प्रवासियों के लिए अब तक चलने वाली पहली ट्रेन है. संयोग से शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस भी है.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा, "मजदूर दिवस पर सभी श्रमिक भाईयों-बहनों को इस झारखंडी भाई-बेटे का जोहार. मुझे मालूम है लॉकडाउन में आपको कष्ट झेलने पड़े हैं, हम आपकी शीघ्र सकुशल वापसी और बेहतरी के लिए कार्य कर रहे हैं."
JMM ने बीजेपी पर कसा तंज
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बीजेपी पर तंज कसा है. जेएमएम ने कहा, "जहां बीजेपी के विधायक अनशन का दिखावा कर रहे थें, वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों को वापस लाने हेतु लगातार पहल कर रहे थे. आज उसी का नतीजा है की तेलंगाना से मजदूरों को लेकर पहली ट्रेन झारखंड की ओर रवाना हुई." दरअसल, बीजेपी ने मंगलवार को ऐलान किया था कि झारखंड सरकार को नींद से जगाने के लिए वह अनशन करेगी.
केंद्र की ओर से राज्यों को दी गई छूट
झारखंड में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है जो काम के लिए मजदूरी करने देश के अलग-अलग हिस्सों में जाते हैं. अब जबकि लॉकडाउन में सभी लोग फंसे हुए हैं तो ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से मजदूरों और छात्रों को लाने के लिए राज्य सरकारों को छूट दी गई है. 1 मई को मजदूर दिवस के मौके पर तेलंगाना के लिंगमपेल्ली से तकरीबन 1200 मजदूरों को झारखंड की राजधानी रांची के हटिया रेलवे स्टेशन भेजा जा रहा है. एक स्पेशल ट्रेन इन मजदूरों को लेकर सुबह 4.30 बजे तेलंगाना से चल चुकी है जो रात 11 बजे हटिया रेलवे स्टेशन रांची पहुंचेगी.
लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए मजदूरों को पहली बार ट्रेन से लाया जा रहा है, पूरे देश में अभी तक ऐसा नहीं हुआ था. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी मजदूरों और दूसरे अन्य फंसे हुए लोगों से अपील की है कि वो जहां भी हैं सुरक्षित और स्वस्थ रहें, राज्य सरकार उनतक पहुंचकर उन्हें वापस झारखंड लाएगी.
एक आंकड़े के मुताबिक, झारखंड की 3.25 करोड़ जनता में करीब 9 लाख लोग इस वक्त बाहर फंसे हुए हैं जिनमें से 6 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर हैं. हालांकि किसी भी सरकार की तरफ से मजदूर या छात्रों के लिए किसी भी विशेष ट्रेन को चलाने का ऐलान नहीं किया गया है लेकिन रेल मंत्रालय के मुताबिक झारखंड राज्य सरकार की अपील पर ये ट्रेन चलाई गई है जिसमें कुल 24 कोच हैं.
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विनोद बंसलवीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता
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