नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते ऑटोमोबाइल बाज़ार के भले ही सुस्त रहने की आशंका है. लेकिन, इसी बीच देश में प्री ओन्ड (सेकंड हैंड) कारों का बाज़ार फर्राटा भरने को तैयार है. देश में प्री ओन्ड कारों का बाज़ार आने वाले दिनों में बेहद तेजी के साथ बढ़ने की उम्मीद है. कोरोना वायरस के चलते अधिकतर लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बजाए खुद के वाहनों से सफर करना पसंद करेंगे. इसके अलावा पैसे की कमी के चलते लोग प्री ओन्ड कारों को ज़्यादा खरीदेंगे. यही नहीं, प्री ओन्ड लक्ज़री कारों के बाज़ार में भी तेजी रहने की उम्मीद है.


देश में प्री ओन्ड लक्ज़री कारों का व्यापार करने वाली बिग बॉयज टॉयज़ के संस्थापक जतिन अहूजा ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि लॉकडाउन के दौरान कंपनी ने लगभग 15 करोड की 10-12 लक्ज़री कारें बेची हैं जिनकी डिलीवरी कंपनी ने अब शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि पिछले साल कंपनी ने लगभग 250 करोड रुपये की बिक्री की थी. इस साल कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बावजूद कंपनी को उम्मीद है कि वो 250 करोड रुपये के बिक्री आंकड़े को छू लेंगे. जतिन कहते हैं कि इसकी प्रमुख वजह ये है कि जब भी ऑटोमोबाइल बाज़ार में मंदी का दौर होता है, तो लोग कम पैसे खर्च कर प्री ओन्ड कारों को खरीदना पसंद करते हैं. इसमें ग्राहक को कम रकम खर्च कर वैल्यू फ़ॉर मनी डील मिलती है. 2008 में भी मंदी के दौरान ऐसा ही देखने को मिला था. जतिन ने बताया कि 2008 की मंदी के बाद जब नई कारों के बाजार की रफ्तार धीमी पड़ी थी तो देश में प्री ओंड कारों का व्यापार बेहद तेजी के साथ बढ़ा था. ऐसा ही ट्रेंड अभी देखने को मिलेगा. जतिन ने बताया कि देश में फिलहाल सालाना 40-45 लाख पुरानी कारें बिकती हैं. यह बाज़ार अब 10% से ज़्यादा तेज़ी के साथ बढ़ने की उम्मीद है.


Cars 24 के सह संस्थापक गजेंद्र जांगिड़ ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि देश में कारों के बाजार को लेकर उनकी कंपनी ने हाल ही में एक सर्वे किया है. इस सर्वे में सामने निकल कर आया कि 46 फ़ीसदी लोगों ने कोरोनावायरस की महामारी के चलते अपना कार खरीदने का बजट कम कर दिया है. इनमें से 50 फ़ीसदी लोगों का यह कहना है कि वह लोग अब प्री ओन्ड कार खरीदेंगे. Cars 24 के सर्वे में यह बात भी निकालकर सामने आई है कि जो ग्राहक पिछले साल नई कार खरीदने का प्लान बना रहे थे उनमें से 22.5 % ग्राहक अब नकदी की किल्लत के चलते प्री ओन्ड कार खरीदना पसंद करेंगे. गजेंद्र का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते लोग कहीं ना कहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट से दूरी बनाने पर भी विचार कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ लोगों के पास नगदी भी कम हुई है. ऐसे में लोग अब नए वाहन खरीदने की जगह प्री ओन्ड कारें खरीदना पसंद करेंगे.